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Nikhat Zareen: विश्व चैंपियन बनने के बाद निकहत ने कहा- सपना था एक दिन ट्विटर पर ट्रेंड करूंगी, आज वह पूरा हो गया

खेल समाचार

विश्व चैंपियन बनने के बाद ट्विटर का जिक्र छिड़ते ही निकहत की जिज्ञासा एकदम से बढ़ जाती है, वह तपाक से उल्टा सवाल करती हैं कि क्या वह ट्विटर पर ट्रेंड कर रही हैं? जवाब हां में मिलने पर वह कहती हैं कि वह सपना देखा करती थीं कि एक न एक दिन ट्विटर पर जरूर ट्रेंड करेंगी, आज वह सपना पूरा हो गया है।

निकहत की एक नहीं दो इच्छाएं पूरी हुई हैं एक ट्विटर पर ट्रेंड करने की दूसरी प्रधानमंत्री के बधाई संदेश की। निकहत को विश्वास नहीं हो रहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें ट्विटर पर बधाई दी है। निकहत ने पीएम के उत्साहवर्धन पर उन्हें धन्यवाद करते हुए कहा कि वह देश के लिए स्वर्ण जीतकर गौरवान्वित महसूस कर रही हैं। यह सफर यहीं नहीं रुकेगा।

बड़े वजन की बजाय कम भार में जाना आसान
निकहत का कहना है कि अब उनका लक्ष्य पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण जीतने का है, लेकिन राष्ट्रमंडल खेलों में वह 50 भार वर्ग में खेलेंगी। हालांकि पेरिस के लिए उन्होंने तय नहीं किया है कि वह 50 में खेलेंगी या 54 भार वर्ग में। निजामाबाद (तेलंगाना) की 25 वर्षीय निकहत का कहना है कि पेरिस के लिए वह या तो 54 भार में जाएंगी या फिर 50 में, लेकिन उनका वजन 51.5-52 किलो रहता है। ऐसे में उन्हें वजन कम करने में आसानी होगी। निकहत का मानना है कि कम वजन से ऊपर के वजन में जाना ज्यादा कठिन है। ऐसे में अगर वह 50 भार वर्ग में खेलती हैं तो उनकेलिए ज्यादा आसानी होगी।

इस्तांबुल है भाग्यशाली
निकहत का कहना है कि यह शहर उनके लिए भाग्यशाली है। उन्होंने 2011 में यहां यूथ और जूनियर विश्व चैंपियनशिप का स्वर्ण जीता। पिछले साल आमंत्रण टूर्नामेंट में कांस्य जीता और अब यहां विश्व चैंपियनशिप का स्वर्ण जीता।

लवलीना समेत पूरी टीम ने निकहत का जमकर बढ़ाया उत्साह
निकहत जरीन जब फाइनल खेलने जा रही थीं तब पूरा भारतीय मुक्केबाजी दल उनके साथ स्टेडियम में गया। टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता लवलीना समेत पूरी टीम ने निकहत की बाउट की दौरान जबरदस्त शोर मचाते हुए उनका उत्साहवर्धन किया। चीफ कोच भास्कर के मुताबिक निकहत को कहीं पर से ऐसा नहीं लगा कि मुकाबला विदेश में हो रहा है। चिल्लाते-चिल्लाते उनके समेत सभी के गले बैठ गए।

जब मुक्केबाजों को उच्चायुक्त ने भिजवाया आटाचाय
विश्व चैंपियनशिप की तैयारियों के लिए महिला मुक्केबाज दो सप्ताह पहले ही इस्तांबुल चले गए थे। भारतीय रोटी और चाय की परेशानी नहीं हो, इसके लिए ज्यादातर खासतौर पर हरियाणवी मुक्केबाज अपने साथ आटा और चाय लेकर गए थे, लेकिन कुछ ही दिनों में सभी मुक्केबाजों का आटा और चाय खत्म हो गया। एक दिन भारतीय मुक्केबाजी दल को इस्तांबुल स्थित भारतीय दूतावास की उच्चायुक्त सुधि चौधरी ने आमत्रित किया।

निकहत का फाइनल देखने पहुंची उच्चायुक्त
उच्चायुक्त ने मुक्केबाजी दल को भारतीय भोजन खिलाया। चीफ कोच भास्कर भट्ट के मुताबिक उच्चायुक्त ने मुक्केबाजों से उनकी दिक्कतों को बारे में पूछा। तब मुक्केबाजों ने उनसे कहा कि शिविर में उन्हें रोटी उपलब्ध नहीं है। वे अपने साथ आटा और चाय लाए थे, जो अब खत्म हो गया है। मुक्केबाजों ने उच्चायुक्त से रोटी और चाय उपलब्ध कराने को कहा। भास्कर बताते हैं कि जब मुक्केबाज वापस शिविर में पहुंचे तो उच्चायुक्त की ओर से सभी को रोटी और चाय भिजवाई गई। यही नहीं उच्चायुक्त निकहत के फाइनल देखने अपने कर्मियों के साथ आईं और उनका उत्साहवर्धन किया।

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