नई दिल्ली: निर्भया के दोषी पवन ने सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज होने के निर्णय को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. अब एपी सिंह ज्वाइंट रजिस्ट्रार के घर पर किदवई नगर में मामले की सुनवाई के अनुरोध करने के लिए गए. याचिका का खारिज होना तय है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट पहले ही इस मांग वाली याचिका को खारिज कर चुका है.
वहीं निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह ने फांसी रुकवाने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है. दिल्ली हाईकोर्ट आज रात 9 बजे करेगा मामले की सुनवाई शुरू हुई. जस्टिस मनमोहन की पीठ मामले की सुनवाई कर रही है .
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दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा, ‘मीडिया ट्रायल और उनके दबाव में दोषियों को बचाव का उचित मौका नहीं मिला.’
सरकारी वकील राहुल मेहरा ने कहा, ‘निर्भया केस में दोषियों पर वारदात से पहले रामाधार से लूटपाट का केस भी दर्ज किया था. ये घटना उसी बस में हुई थी.’
एपी सिंह ने कहा, ‘एक दोषी पर जेल में हमला हुआ.’
एपी सिंह ने कहा, ‘एक याचिका NHRC में लंबित है, एक राष्ट्रपति के पास, बिहार में एक तलाक याचिका लंबित है. एक याचिका हाई कोर्ट में लंबित है. एक याचिका चुनाव आयोग में लंबित है. ऐसे में फांसी कैसे हो सकती है?’
जस्टिस मनमोहन ने कहा, ‘हमने अपने पूर्व के आदेश में साफ तौर पर कहा था कि ट्रायल कोर्ट के आदेश को लेकर अगर कोई दुविधा है तो आप सीधे हाई कोर्ट जा सकते हैं.’
एपी सिंह ने कहा, ‘हम पटियाला हाउस कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दे रहे हैं जिसके तहत मेरे मुवक्किल पवन, विनय ओर अक्षय की फांसी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया.’
सरकार के वकील राहुल मेहरा ने कहा, ‘यहां कोई मेमो ऑफ पार्टी नहीं है. यह केवल पवन के बारे में बात कर रहे हैं. हम नहीं जानते कि अन्य याचिकाकर्ता को हैं? इन्हें सुप्रीम कोर्ट जाने चाहिए था. ये यहां क्यों आए? इन्होंने ढाई साल तक कोई लीगल रेमेडी नहीं ली और अब रात में हाई कोर्ट का समय बर्बाद कर रहे हैं. यह याचिका अधूरी है. इस पर सुनवाई नहीं करनी चाहिए.’
जज ने एपी सिंह से पूछा, ‘क्या आपने यह याचिका दायर करने की अनुमति ली है? यह किस तरह की याचिका है? न तो लिस्ट ऑफ अपडेट है और न ही कोई मेमो, न संलग्न दस्तावेजों का ब्योरा. क्या आपके पास यह याचिका दायर करने की अनुमति ली है? ‘
इससे पहले आज सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने निर्भया मामले के दोषी पवन की क्यूरेटिव याचिका खारिज की. पवन ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में एक और क्यूरेटिव पेटिशन दायर की थी जिसमें कहा गया था कि वारदात के समय वह नाबालिग था इसलिए उसकी फांसी की सजा खारिज की जाए.
पवन ने यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में उसकी पुनर्विचार याचिका खारिज होने के फैसले के खिलाफ दायर की थी. यह क्यूरेटिव याचिका खारिज होना तय था, क्योंकि पवन की नाबालिग होने की दलील को सुप्रीम कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है. यह याचिका जजों ने अपने चेंबर में सुनी थी जिसमें किसी तरफ का वकील जिरह के लिए मौजूद नहीं होता है. जज अपने पुराने फैसले के संदर्भ में यह देखते हैं कि दोषी कोई बहुत अहम कानूनी पहलू तो नहीं ले आया है जो कि कोर्ट में पहले जजों के सामने न रखा गया हो. इस मामले में सभी दोषी अपनी अपनी दलीलों को कई कई बार कोर्ट में रख चुके हैं जिन्हें कोर्ट खारिज कर चुका है.
ट्रायल कोर्ट ने चारों दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए 20 मार्च की सुबह 5:30 बजे का डेथ वारंट जारी किया हुआ है. Source Zee News