फतेहपुर जिले की खागा विधानसभा अंतर्गत मुज्जफरपुर, कछरा, भीकमपुर में निषाद कश्यप समाज को अनुसूचित जाति में शामिल कराने के मुद्दे पर सर्वदलीय निषाद कश्यप यूनियन द्वारा कुंवर सिंह निषाद के नेतृत्व में पदयात्रा निकाली गई
अनुसूचित जाति आरक्षण की मांग को लेकर निषाद कश्यप मछुआ समाज लंबे समय से आंदोलनरत है
पदयात्रा 11 जुलाई से मथुरा से प्रारंभ होकर आगरा, फिरोजाबाद, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, बाँदा, चित्रकूट, फतेहपुर आदि जिलों में निकाली जा चुकी है पदयात्रा को जबरदस्त समर्थन मिल रहा है अब यह आंदोलन गांव देहात तक भी अपना असर छोड़ रहा है
पदयात्रा में भारी संख्या में निषाद कश्यप समाज के लोगों ने भाग लिया।
मुजफ्फरपुर में निषाद कश्यप समाज की बैठक भी आयोजित की गई
अनेकों स्थानों पर सभाएं भी आयोजित हुईं जिसमें यात्रा को संबोधित करते हुए यात्रा संयोजक कुँवर सिंह निषाद ने कहा कि भाजपा ने निषाद कश्यप मछुआ समाज को आरक्षण देने का वादा किया था लेकिन अब भाजपा अपने वादे से मुकर रही है यदि वादाखिलाफी हुई तो मोदी योगी की सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा, अनुसूचित जाति में शामिल करने का वादा भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र का अंग रहा है आवाज दबाई गई तो भाजपा को सत्ता से बेदखल करने में निषाद समाज पूरी ताकत झोंक देगा, कुँवर निषाद ने कहा कि जब प्रधानमंत्री मोदी जी अपनी मोड़ घांची जाति को आरक्षण दे सकते हैं तो उत्तर प्रदेश के 18 प्रतिशत निषादों से क्या दुश्मनी है।
एकलव्य आर्मी के जिलाध्यक्ष के प्रधान रामचन्द्र निषाद ने कहा कि सरकार का भाजपा सरकार द्वारा हमें धोखे में रखा जा रहा है आरक्षण नहीं तो भाजपा को वोट नहीं ये हमारा नारा है, हमारा समाज उत्तर प्रदेश में सत्ता बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखता है अब समाज आरक्षण के मुद्दे पर एक है
राष्ट्रीय महान गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कैलाशी निषाद ने कहा कि योगी मोदी झूठ बोलकर पिछड़े दलित समाज को ठगने का काम करते हैं
पदयात्रा में मुख्यरूप से मुजफ्फरपुर, प्रधान रामचंद्र निषाद, दीपक कुमार, बुद्धराज निषाद, सत्यप्रकाश निषाद, विश्राम निषाद, श्रीराम निषाद, श्रीनाथ निषाद, अखिलेश निषाद, रामसंजीवन निषाद, देशशरण निषाद, भैयालाल निषाद, जगजीत निषाद, शिवअवतार निषाद, शिवप्रसाद निषाद, राकेश निषाद, बाबूलाल निषाद, छोटेलाल निषाद, सुरेश निषाद, अवधेश निषाद, राजबहादुर निषाद, छोटा निषाद, सुरेंद्र पटेल, रतिभान निषाद, रामभवन निषाद, विजय चंद निषाद, बाबूलाल निषाद, मूलचंद निषाद, रितेश निषाद, भैयालाल निषाद, रामविकास निषाद, अरुण निषाद मुख्य रूप से शामिल रहे।