नीति आयोग ने, बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन तथा सामाजिक एवं व्यवहार परिवर्तन केंद्र, अशोका यूनिवर्सिटी के साथ साझेदारी में, आज स्वास्थ्य और पोषण पर आधारित एक राष्ट्रीय डिजिटल कोष ‘पोषण ज्ञान’ की शुरुआत की।
उद्घाटन समारोह को नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अमिताभ कांत, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में सचिव श्री राम मोहन मिश्रा और अपर सचिव डॉ राकेश सरवाल ने संबोधित किया।
वेबसाइट का शुभारंभ करते हुए, नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार ने कहा कि, ‘पोषण ज्ञान’ पोर्टल का निर्माण एक ऐतिहासिक क्षण था। उन्होंने कहा कि, “वास्तविक परिवर्तन को केवल जमीनी स्तर पर व्यवहार में बदलाव के माध्यम से लाया जा सकता है। एक खाद्य-अधिशेष राष्ट्र होने के बावजूद भारत में उच्च कुपोषण बना हुआ है, जो व्यवहारिक परिवर्तन की स्पष्ट आवश्यकता की ओर इंगित करता है। डॉ राजीव कुमार ने कहा कि, इस संदर्भ में पोषण ज्ञान एक अत्यंत महत्वपूर्ण पहल है और हमारे माननीय प्रधानमंत्री द्वारा परिकल्पित पोषण को जन आंदोलन बनाने में इससे हम मदद कर सकते हैं।”
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अमिताभ कांत ने भारत में पोषण की चुनौती की प्रधानता के बारे में चर्चा की। इसे विशेष रूप से शारीरिक रूप से कमजोर लोगों, जैसे गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को व्यवहारिक अंतर्दृष्टि में निहित करने के माध्यम से लक्षित करके हल किया जाना चाहिए। इतना ही नहीं, इस रणनीति को स्तनपान, टीकाकरण और अन्य लोगों पर व्यवहार को परिवर्तित करने के लिए लागू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि, पोषण ज्ञान डिजिटल मंच मानवीय व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाने के माध्यम से, उस उद्देश्य को प्राप्त करने की दिशा में सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में सचिव श्री राम मोहन मिश्रा ने पोषण ज्ञान पोर्टल की शुरुआत की सराहना करते हुए कहा कि, ज्ञान सबसे उपयोगी तब होता है, जब वह समाज की भलाई में सहायक होता है। उन्होंने कहा कि, “इस साइट की क्राउडसोर्सिंग सुविधा का उपयोग विभिन्न समस्याओं के राष्ट्रव्यापी समाधानों को प्रसारित करने के लिए किया जा सकता है जो स्थानीय मोर्चों पर काफी सफल साबित हुए हैं, जैसे कि पारंपरिक अंगूर-आधारित मिश्रण का उपयोग, जो हाल ही में तमिलनाडु में एनीमिया का मुकाबला करने में बहुत प्रभावी पाया गया था।”
डॉ राकेश सरवाल के मार्गदर्शन में, पोषण ज्ञान डिजिटल कोष को एक संसाधन के रूप में अवधारणाबद्ध किया गया, जिसे विभिन्न भाषाओं, स्वास्थ्य प्रकारों, लक्षित उपयोगकर्ताओं और स्रोतों में स्वास्थ्य एवं पोषण के 14 विषयगत क्षेत्रों पर संचार सामग्री की खोज के लिए सक्षम किया गया है। इस कोष के लिए आवश्यक डिजिटल सामग्री स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और महिला एवं बाल विकास मंत्रालयों तथा विकास संगठनों से प्राप्त हुई थी। यह वेबसाइट सहज उपलब्ध ज्ञान से युक्त इंटरफेस (मल्टी-पैरामीट्रिक खोज, एक समय में कई सारे डाउनलोड, सोशल मीडिया के माध्यम से सामग्री का आसान ऑनलाइन साझाकरण और किसी भी प्रकार के स्मार्टफोन पर इसे आसानी से देखने की व्यवस्था) प्रदान करती है।
यह डिजिटल कोष एक अद्वितीय क्राउडसोर्सिंग सुविधा उपलब्ध कराता है, जो किसी को भी वेबसाइट पर आमंत्रित करने के लिए संचार सामग्री प्रस्तुत करने की अनुमति देता है, जिसकी समीक्षा एक नामित समिति द्वारा की जाती है। इस पोर्टल पर “महीने की थीम” (मुख्य विषयों को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार) तथा “सर्वाधिक डाउनलोड की गई मीडिया सामग्री” (उन सामग्रियों के बारे में जानने के लिए जो दर्शकों द्वारा सबसे अधिक पसंद की जाती हैं) को दर्शाती है। यह पोर्टल अन्य महत्वपूर्ण साइटों तथा संसाधनों के लिंक भी प्रदान करता है, जैसे कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, नीति आयोग, एनीमिया मुक्त भारत, ईटराइटइंडिया और अन्य के वेबपेज।
कई केंद्रीय मंत्रालय- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, पेयजल एवं स्वच्छता, पंचायती राज, ग्रामीण विकास एवं उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय – बहुपक्षीय एजेंसियां, जैसे कि यूनिसेफ और अन्य प्रमुख हितधारकों जैसे एफएसएसएआई, राष्ट्रीय पोषण संस्थान, आईसीएमआर, एनआईआरडीपीआर, एनआईपीसीसीडी, एफ एंड बी ने लॉन्च इवेंट में हिस्सा लिया। इसमें बीएमजीएफ, बीबीसी मीडिया एक्शन, जीविका, अलाइव और थ्राइव जैसे विकास भागीदारों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।
वेबसाइट यहां से देखी जा सकती है: https://poshangyan.niti.gov.in/