नई दिल्ली: नीति आयोग ने सिंगापुर को-ऑपरेशन इंटरप्राइज़ एवं टीएफ इंटरनेशनल के सहयोग से आज दिल्ली में जल रिसाइकलिंग और पुन:उपयोग के बारे में शहरी प्रबंधन कार्यक्रम के दूसरे चरण का आयोजन किया। नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत, पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के सचिव श्री परमेश्वरन अय्यर, भारत में सिंगापुर के उच्चायुक्त लिम थुआनकुआन, सिंगापुर को-ऑपरेशन इंटरप्राइज के सीईओ कोंगवायमुन तथा टेमसेक फाउंडेशन इंटरनेशनल के सीई बेनेडिक्ट चेओंग भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
जल प्रबंधन, विशेष रूप से जल की रिसाइकलिंग और पुन:उपयोग के बारे में क्षमता निर्माण कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए श्री अमिताभ कांत ने कहा कि भारत के लिए आर्थिक विकास की उच्च दर प्राप्त करने के लिए यह कार्यक्रम जल के सतत उपयोग का एक प्रत्यक्ष कार्य होगा। उन्होंने पिछले वर्ष शुरू किए गए नीति आयोग के कंपोजिट जल प्रबंधन सूचकांक का उल्लेख करते हुए कहा कि यह पूरे देश में जल प्रबंधन में सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने और जागरूकता पैदा करने की दिशा में एक कदम है।
उद्घाटन भाषण देते हुए श्री परेश्वरन अय्यर ने जल प्रबंधन में केन्द्र और राज्य के मध्य प्रभावी सहयोग के लिए समय और जरूरत के अनुसार आयोजित इस कार्यशाला की सराहना की। उन्होंने जल के सतत उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए एक प्राकृतिक संसाधन के रूप में जल का स्वामित्व लेने के लिए सभी हितधारकों का आह्वान किया। उन्होंने 4000 नगरों और पेरी-अर्बन क्षेत्रों में ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन से निपटने के लिए कदम उठाने की जरूरत पर जोर दिया। रिसाइकिल जल को सतत और विविध जल विषय के हिस्से के रूप में विकसित करने के लिए नीति आयोग ने जल रिसाइक्लिंग और पुन:उपयोग के बारे में शहरी प्रबंधन कार्यक्रम का दूसरा चरण शुरू करने के लिए सिंगापुर को-ऑपरेशन इंटरप्राइज के सीईओ कोंगवायमुन तथा टेमसेक फाउंडेशन इंटरनेशनल के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
8 राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों- उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, पंजाब, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, मेघालय, पुद्दुचेरी, पश्चिम बंगाल को एक चुनौतीपूर्ण तरीके से क्षमता निर्माण कार्यशालाओं के लिए चुना गया है। इस कार्यक्रम के शुभारंभ में केन्द्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी शैक्षिक और थिंक-टैंक के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें चुनौतियों के बारे में विचार-विमर्श करने के अलावा भारत में शहरी जल क्षेत्र के बारे में श्रेष्ठ प्रक्रियाओं का भी प्रदर्शन किया गया। क्षमता निर्माण कार्यक्रम में सिंगापुर के सलाहकारों के द्वारा अनुभव साझा किया गया, जो पिछले चार दशकों से शहरी जल परिदृश्य के सफल परिवर्तन से जुड़े रहे हैं। एससीई के साथ वृहद क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में सक्रिय कार्यशालाओं, परामर्श सत्रों की श्रृंखला और सिंगापुर की यात्रा शामिल है।