नई दिल्ली: नीति आयोग ने संयुक्त राष्ट्र उच्च-स्तरीय राजनीतिक मंच (एचएलपीएफ) पर सतत विकास, 2020 पर भारत का दूसरा स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा (वीएनआर) प्रस्तुत की। उच्च-स्तरीय राजनीतिक मंच (एचएलपीएफ) 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में प्रगति की निरंतरता और समीक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय मंच है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा (वीएनआर) प्रस्तुत की। ‘कार्रवाई का एक दशक: एसडीजी को वैश्विक से स्थानीय स्तर पर ले जाना’ शीर्षक से इंडिया वीएनआर 2020 की रिपोर्ट नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. पॉल, नीति अयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत और नीति आयोग में एसडीजी पर सलाहकार श्रीमती संयुक्ता समददार द्वारा जारी की गई। कोविड-19 महामारी की वजह से वर्चुअल तरीके से आयोजित इस वर्ष एचएलपीएफ में 47 सदस्य देश 10 से 16 जुलाई के बीच अपने वीएनआर प्रस्तुत करेंगे।
संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी) के तत्वावधान में एचएलपीएफ की जुलाई में आठ दिनों के लिए सालाना बैठक होती है। एचएलपीएफ में सदस्य देशों द्वारा प्रस्तुत किए गए वीएनआर 2030 एजेंडा और एसडीजी की प्रगति और कार्यान्वयन की समीक्षा का एक महत्वपूर्ण घटक है। यह समीक्षा स्वैच्छिक और सदस्य देशों द्वारा खुद की जाती है। इसका उद्देश्य एजेंडा को लागू करने में मिली सफलताओं, चुनौतियों और सबक सहित प्राप्त अनुभवों को साझा करने की सुविधा प्रदान करना है। किसी देश के वीएनआर की तैयारी की प्रक्रिया विभिन्न प्रासंगिक हितधारकों की भागीदारी के माध्यम से साझेदारी के लिए एक मंच प्रदान करती है। नीति आयोग ने वर्ष 2017 में भारत का पहला वीएनआर तैयार किया और उसे मंच पर प्रस्तुत किया।
भारत वीएनआर 2020
भारत ने बांग्लादेश, जॉर्जिया, केन्या, मोरक्को, नेपाल, नाइजर, नाइजीरिया और युगांडा जैसे अन्य दूसरी बार के प्रस्तुतकर्ताओं के साथ अपनी वीएनआर प्रस्तुत की। इस प्रस्तुति में एक लघु फिल्म भी शामिल थी जिसमें दूसरी वीएनआर को तैयार करने की प्रक्रियात्मक पहलुओं को समझाया गया और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के कुछ क्षेत्रों में भारत की प्रमुख प्रगति के बारे में भी बताया गया।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने अपनी शुरुआती टिप्पणियों में आत्म-निर्भर भारत अभियान के तहत कोविड महामारी से निपटने के भारत के तरीकों की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए उन सभी देशों के साथ एकजुटता जाहिर की जो कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों से जूझ रहे हैं। अपने बयान में उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि हमें अपने सभी विभाजनों तथा भेदों को मिटा देना चाहिए और एसडीजी लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में अपनी प्रगति को और तेज करने के लिए मौजूदा स्थिति को बदलने के लिए मिलकर प्रयास करना चाहिए।
डॉ. कुमार ने अपने बयान में उन कोशिशों के बारे में बताया जो यह सुनिश्चित करने के लिए की गई हैं कि कोई भी पीछे न रह जाए। उन्होंने भारत में बहु-आयामी गरीबी को कम करने, खाद्य सुरक्षा प्रदान करने, सभी के लिए शिक्षा सुनिश्चित करने, सभी लोगों तक बिजली पहुंचाने, खाना पकाने के स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराने और स्वच्छता हासिल करने में भारत की प्रगति के बारे में भी बताया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि भारत में 500 मिलियन नागरिकों को दुनिया के सबसे बड़े स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम में शामिल किया गया है और इस कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन भी किया जा रहा है।
नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत ने कहा कि हम दीर्घकालिक बदलाव के लिए एसडीजी लक्ष्यों पर प्रगति में तेजी लाने के लिए मौजूदा प्रयासों को दुरुस्त करने और नई पहल करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रयास में आपस में मिलकर सीखना और ज्ञान को एक-दूसरे से साझा करना एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा जिसे हम राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रहे हैं।
इस साल भारत के वीएनआर में पूरे समाज को सम्मिलित करने की भावना का पालन करने के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। नीति आयोग ने उप-राष्ट्रीय और स्थानीय सरकारों, नागरिक समाज संगठनों, स्थानीय समुदायों, असहज स्थितियों में रहने वाले लोगों और निजी क्षेत्र के साथ काम किया। इस प्रक्रिया के हिस्से के रूप में नीति आयोग ने भारत में संयुक्त राष्ट्र और नागरिक समाज संगठनों के साथ एक परामर्श प्रक्रिया को शुरू करने के लिए भागीदारी की जिसमें महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों, दिव्यांगजनों (पीडब्ल्यूडी), एचआईवी से पीड़ित लोगों (पीएलएचआईवी) सहित चौदह जनसंख्या समूहों के 1000 से अधिक सीएसओ के साथ 50 से अधिक राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय परामर्श किए गए।
उपाध्यक्ष डॉ. कुमार ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। उन्होंने कहा कि भारत ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए), आपदा निवारण हेतु लचीलापन संरचना के लिए गठबंधन (सीडीआरआई), और सेंडाइ संरचना, मरुस्थलीकरण से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र समझौता (यूएनसीसडी) तथा पेरिस जलवायु समझौता के क्रियान्वयन में सक्रिय भागीदारी जैसे वैश्विक अनुबंध मंचों को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभाई है।
वीएनआर की प्रस्तुति के बाद एक संवादात्मक सत्र भी चलाया गया जिसमें इक्वाडोर और बांग्लादेश जैसे सदस्य देशों और नागरिक समाज संगठनों ने क्रमशः अक्षय ऊर्जा, वित्तीय समावेशन और सरकार की भावी अनुबंध रणनीति से संबंधित सवाल पूछे।
कार्रवाई का एक दशक: एसडीजी को वैश्विक से स्थानीय स्तर पर ले जाना
इस कार्यक्रम के दौरान भारत वीएनआई, 2020 रिपोर्ट का भी अनावरण किया गया। यह रिपोर्ट भारत में 2030 एजेंडा को अपनाने और उसे लागू करने का एक व्यापक ब्यौरा है। 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर प्रगति की समीक्षा प्रस्तुत करने के अलावा, रिपोर्ट में नीति और उसके अनुरूप पर्यावरण को सक्षम बनाने, एसडीजी के स्थानीयकरण के लिए भारत के दृष्टिकोण और इनके कार्यान्वयन के साधनों को मजबूत करने पर विस्तार से चर्चा की गई है।
इस रिपोर्ट में एक ऐसा अध्याय भी शामिल है जिसमें उन ठोस आंकड़ों, जानकारियों और विश्लेषण का जिक्र है जो सीएसओ के नेतृत्व में देश भर में कराए गए समुदाय-केंद्रित परामर्शों से प्राप्त हुए हैं। इस अध्याय में प्रमुख प्रयोजनों और नागरिक समाज, गैर-सरकारी और सामुदायिक संगठनों के हितधारकों की सिफारिशों का सारांश है। इसी तरह, व्यापार एकीकरण पर एक अध्याय में उस महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया है जिसे कार्रवाई के दशक में व्यवसायों और निजी क्षेत्रों द्वारा पूरा करने की परिकल्पना की गई है।
सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार का लाभ उठाना और एसडीजी की लागत तथा वित्त पोषण इसके कार्यान्वयन के साधनों को मजबूत करने के दो उत्तोलक (लीवर) हैं जिन्हें इस वर्ष वीएनआर प्रस्तुति में पेश किया गया है।
एसडीजी को वैश्विक से स्थानीय स्तर पर पहुंचाने की थीम के अनुरूप, एसडीजी पर प्रगति के लक्ष्य-वार विवरण को विभिन्न राज्यों विशेषकर आकांक्षी जिलों की विविध अच्छी प्रथाओं और सफलता की कहानियों के उदाहरणों के साथ जोड़ा गया है।
नीति आयोग को राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय स्तर पर एसडीजी को अपनाने और उस पर निगरानी रखने का शासनादेश मिला हुआ है। भारत वीएनआर 2020 रिपोर्ट पूरे समाज को सम्मिलित करने की भावना को शामिल करने की नीति आयोग की कोशिशों और सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण के प्रति इसकी प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करती है।
भारत की वीएनआर रिपोर्ट का लिंक: 13 जुलाई –
- https://sustainabledevelopment.un.org/content/documents/26281VNR_2020_India_Report.pdf
- http://niti.gov.in/un-high-level-political-forum
- बाएं से दाएं : भारत वीएनआर 2020 की रिपोर्ट के शुभारंभ के मौके पर डॉ. वी. के. पॉल, सदस्य, नीति आयोग, डॉ. राजीव कुमार, उपाध्यक्ष, नीति आयोग, श्री अमिताभ कांत, सीईओ, नीति आयोग और श्रीमती संयुक्ता समद्दार, सलाहकार (एसडीजी), नीति आयोग मौजूद रहीं।
- नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने सतत विकास, 2020 पर संयुक्त राष्ट्र उच्च-स्तरीय राजनीतिक मंच (एचएलपीएफ) पर भारत की दूसरी स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा प्रस्तुत की।
1.3. सतत विकास, 2020 पर भारत वीएनआर 2020 रिपोर्ट- ‘कार्य का दशक: सतत विकास लक्ष्यों को वैश्विक से स्थानीय स्तर पर ले जाना’ को संयुक्त राष्ट्र उच्च-स्तरीय राजनीतिक मंच (एचएलपीएफ) पर पेश किया गया
2.0. भारत की वीएनआर रिपोर्ट से प्राप्त चित्र:
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- वीएनआर रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया का सारांश
2.2. 14 जनसंख्या समूहों और निजी क्षेत्र के साथ हितधारक परामर्श
2.3. पूरे देश में 14 राष्ट्रीय परामर्श आयोजित किए गए थे।
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- वैश्विक से स्थानीय स्तर- भारत में एसडीजी के स्थानीयकरण के प्रमुख कदम
2.5. भारत वीएनआर 2020 – आगे की राह