नीति आयोग ने आज कोविड-19 के गृह-आधारित प्रबंधन पर एक संग्रह जारी किया।इस संग्रह में महामारी से निपटने के लिए राज्यों द्वारा अपनाई गई सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को शामिल किया गया हैं।
इस रिपोर्ट को नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार, सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ विनोद के पॉल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत और अपर सचिव डॉ राकेश सरवाल द्वारा जारी किया गया।
यह संग्रह राज्यों द्वारा अपनाए गए विभिन्न गृह-आधारित देखभाल मॉडल की एक समग्र तस्वीर प्रस्तुत करता है और बुनियादी सिद्धांतों और व्यावहारिक सिफारिशों को सारांशित भी करता है। इनमें से कई सफल रणनीतियों को दोहराया और इन्हें आगे भी उपयोग किया सकता है।
पिछले दो वर्षों में, देश कोविड-19 के रूप में एक अप्रत्याशित सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहा है। महामारी की शुरुआत के बाद से, राज्य सरकारों ने वायरस के प्रसार को रोकने के लिए विभिन्न नवीन उपायों को अपनाने के साथ अपनी प्रतिक्रिया दी है। कोविड-19 संक्रमण की बदलती गतिशीलता को देखते हुए, गंभीर मामलों और मृत्यु की संख्या को कम करने के लिए इसकी शीघ्र पहचान, दूरस्थ निगरानी और उपयुक्त रेफरल तंत्र का आह्वान किया गया। इसी दिशा में कार्य करते हुए,’कोविड-19 के लिए गृह-आधारित देखभाल मॉडल’ तैयार किया गया।
गृह-आधारित देखभाल क्यों?
गृह-आधारित देखभाल एक कम लागत वाली व्यवस्था है और टेलीमेडिसिन/कॉल सेंटर/ऐप्स आदि जैसे डिजिटल उपकरणों की मदद से एक ही समय में कई लोगों तक पहुंच सकती है। यह महामारी प्रबंधन के एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में उभरी है। इस संग्रह में शामिल विभिन्न घरेलू देखभाल सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों ने रोगियों और उनके परिवारों को समग्र सहायता प्रदान की है।
हालाँकि, इसकी कुछ सीमाएँ हो सकती हैं यदि सभी सेवाएँ सभी स्तरों पर जुड़ी और एकीकृत नहीं हैं और यदि रेफरल, परिवहन और भर्ती करने में देरी हो रही है। प्रोटोकॉल का ठीक से पालन नहीं होने पर परिवार के सदस्यों में संक्रमण फैलने का खतरा रहता है इसलिए कुशल घरेलू देखभाल के लिए स्पष्ट मानक संचालन प्रक्रियाएं और गंभीर रोगियों का अलग से निर्धारणकरना अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। बेहतर तरीके से काम करने वाली रेफरल सुविधाओं के मामले में अस्पताल में भर्ती होना चाहिए।
एकीकृत कमान और सुविधा केंद्रों को कोविड-19 में उपयोग करने के लिए स्थिति के अनुरूप, व्यवस्था योग्य और लचीला होना चाहिएऔर एक महामारी की स्थिति में गैर-कोविड संबंधित सेवाएं स्थिति के अनुरूप होनी चाहिए।
सामुदायिक जुड़ाव और प्रबंधन ने बड़े पैमाने पर गृह-आधारित देखभाल में योगदान दिया है। मामलों के बेहतर प्रबंधन और डर एवं बदनामी से बचाने के लिए स्थानीय प्रयास आवश्यक हैं। सामुदायिक तैयारी यह सुनिश्चित करने में मदद कर सकती है कि कोई भी मदद के मामले में पीछे न छूटे। इस संग्रह में उल्लेखित गृह-आधारित देखभाल कार्य प्रणालियों को राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा अपने अनुभवों के आधार पर संबंधित संदर्भों में आगे उपयोग के लिएअपनायाऔर स्थिति के अनुरूप दोहराया जा सकता है।
यह आशा की जाती है कि यह संग्रह राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय स्तरों पर स्थायी स्वास्थ्य देखभाल मॉडल तैयार करने के मामले में निर्णय लेने वालों को रणनीतिक दिशा प्रदान करेगा।
पूरी रिपोर्ट यहां देखी जा सकती है: https://www.niti.gov.in/sites/default/files/2021-11/State-practices-on-home-based-care-forCOVID-19.pdf