नई दिल्ली: केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण, जहाजरानी, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गड़करी ने आज कानपुर और बिठूर में नए बनाए गए और ठीक किए गए गंगा के 20 घाटों का उद्घाटन किया। उन्होंने इस अवसर पर कानपुर में जजमाऊ और सीसामाऊ में औद्योगिक प्रदूषण से प्रभावित क्षेत्रों को प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए नए उपायों की घोषण भी की। उन्होंने कहा कि इन उपायों के तहत जजमाऊ में 554 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 20 एमएलडी क्षमता वाला सीवेज ट्रीटमेंट संयंत्र को मंजूरी दे दी गई है। उन्होंने बताया कि इसी तरह सीसामाऊ में नदी में गिरने वाले गंदे पानी के नाले को इस साल अक्टूबर तक पूरी तरह सील कर दिया जाएगा। इस नाले से 140 एमएलडी सीवेज का पानी गंगा नदी में गिरता था। इस नाले क 80 एमएलडी पानी को बिनगंवा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की ओर मोड़ दिया गया है। बाकी का पानी भी इस साल अक्टूबर तक संयंत्र में भेज दिया जाएगा।
कानपुर में चन्द्रशेखर आजाद विश्वविद्यालय के एक समारोह में श्री गड़करी ने कहा कि उनका मंत्रालय गंगा और उसकी सहायक नदियों को साफ करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इस काम के लिए धन की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, केन्द्रीय पेयजल और स्वच्छता मंत्री सुश्री उमा भारती, केन्द्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह, कानुपर से भाजपा के सांसद श्री मुरली मनोहर जोशी और कई अन्य गणमान्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
उद्घाटन किए गए 20 घाटों में गोला घाट, सरसैयाघाट, भैरवघाट, गुप्ताघाट, कोयलाघाट, मक जैन घाट, सिद्धनाथ घाट, भागवतदास घाट, मैसेकर घाट, परमतघाट, चप्परघाट, महिला और तुलसी राम घाट, पांडवघाट, पत्थर घाट, पंचलेश्वर घाट, सीताघाट, भारत घाट, कौशल्या घाट और तुताघाट शामिल हैं। 4 घाटों और 3 शवदाह गृहों का काम चल रहा है, जो जल्दी ही पूरा हो जाएगा।
कानपुर में नमामि गंगे परियोजना
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत कानपुर जोन के लिए 2192 करोड़ रुपये की लागत से 10 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। हाईब्रीड एनयूटी मोड के तहत जजमाऊ और बिनगंवा में मौजूदा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों के संचालन, मरम्मत और उन्नयन की परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई है।
कानुपर और बिठूर में घाटों की साफ-सफाई का काम सुधारने तथा वहां गाद हटाने के काम के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की ओर से 6.07 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी गई है। नदी में तैरने वाले कचरे को हटाने के लिए कानुपर में पहले से ही एक ट्रैश स्किमर मशीन लगा दी गई है।
कानपुर क्षेत्र में सीवेज शोधन के लिए हस्तक्ष्ेाप
कानुपर में फिलहाल 375 एमएलडी सीवेज निकलता है, जिसके 2035 तक बढ़कर 460 एमएलडी हो जाने की संभावना है। कानपुर शहर की सीवेज शोधन क्षमता फिलहाल 457 एमएलडी है, जबकि 15 एमएलडी क्षमता वाला एक एसटीपी बनियापुरवा में निर्माणाधीन है।
नमामि गंगे
नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत सीवेज ट्रीटमेंट, गाद निकालने, नदी किनारे वृक्ष लगाने, जैव विविधतता संरक्षण, घाट और शवदाह गृह विकसित करने के लिए 22,238 करोड़ रुपये की लागत से 221 परियोजना मंजूर की गई है। इनमें से 58 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। 14475 करोड़ रुपये की लागत से 4344 किलोमीटर लम्बी सीवर लाइन बिछाई जाएगी।
नमामि गंगे कार्यक्रम गंगा की सहायक नदियों के लिए भी है। इन नदियों में यमुना, काली, रामगंगा, सरायू और कोसी में गिरने वाले गंदे पानी के ट्रीटमेंट के लिए एसटीपी संयंत्र बनाए जा रहे हैं।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन का उद्देश्य नमामि गंगे कार्यक्रम से जुड़ी सभी योजनआों को मिशन मोड में पूरा कर निर्मल और अविरल गंगा के उद्देश्य को प्राप्त करना है।