नई दिल्ली: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा आयोजित एक राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए, केद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए भुगतान नहीं होने अथवा भुगतान में देरी होने के मामले का समुचित समाधान किया जाएगा। श्री गडकरी ने एमएसएमई क्षेत्र की पुरानी समस्याओं के समाधान की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि इसे आवश्यक सहायता दी जाएगी, ताकि सकल घरेलू उत्पाद में अपने योगदान तथा रोजगार सृजन के रूप में यह अपनी पूरी संभावनाओं को पूरा कर सके। एमएसएमई क्षेत्र के लिए भुगतान में देरी की समस्या और उसके समाधान के उपायों के बारे में विचार-विमर्श किया। यह कार्यशाला आयोजित की गई है। श्री गडकरी ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने हाल में इस क्षेत्र के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनसे इसे मजबूत करने में काफी मदद मिलेगी। श्री गडकरी ने आश्वासन देते हुए कहा कि यूके सिन्हा समिति के सुझावों को शीघ्र लागू किया जाएगा।
श्री गडकरी ने सभी हितधारकों से अपील करते हुए कहा कि वे एमएसएमई समाधान पोर्टल का इस्तेमाल करें ताकि उन्हें जानबूझकर गलती करने वाले लोगों के बारे में आंकड़े जुटाने, स्टॉक एक्सचेंजों पर खुद को पंजीकृत कराने में मदद मिले। उन्होंने कहा कि उनके उत्पादों के विपणन के लिए शीघ्र ही ‘भारत क्राफ्ट’ नामक एक विपणन पोर्टल शुरू किया जाएगा।
एमएसएमई मंत्रालय में सचिव श्री अरुण कुमार पांडा ने हितधारकों को आश्वस्त किया कि मंत्रालय द्वारा उनके सुझावों और समस्याओं पर ध्यान दिया जाएगा।
इस अवसर पर श्री नितिन गडकरी ने क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी (सीएलसीएस) वेब पोर्टल को फिर से शुरू किया। सीएलसीएस एक योजना है, जिसके तहत एमएसएमई द्वारा प्रौद्योगिकी उन्नयन के लिए अधिकतम एक करोड़ रुपये तक अतिरिक्त निवेश के लिए 15 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। फिर से शुरू की गई योजना के तहत, अनसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के उद्यमियों के लिए 10 प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी दी जाती है।