पटना: बिहार विदेश मंत्रालय ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नेपाल जाने से रोक दिया है। दरअसल, नीतीश नेपाल जाकर वहां के लोगों का दुख बांटना चाहते थे। सूत्रों के मुताबिक, विदेश मंत्रालय ने नीतीश से कहा कि ‘ठीक समय’ पर वे नेपाल का दौरा करें।
सूत्रों का कहना है कि पहले विदेश मंत्रालय ने नीतीश के जनकपुर दौरे की इजाजत दे दी थी। हालांकि, बाद में विदेश मंत्रालय ने कदम पीछे खींच लिए।
दिलचस्प बात यह है कि हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश सचिव एस जयशंकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अतिरिक्त सचिव पीके मिश्रा ने नेपाल का दौरा किया था। इसके बावजूद मंत्रालय का कहना है कि नीतीश के नेपाल दौरे के लिए यह ‘सही वक्त’ नहीं है।
मंत्रालय का कहना है कि नेपाल में अभी राहत और बचाव का काम जोरों पर है। ऐसे में नीतीश कुमार को सलाह दी गई है कि वे नेपाल दौरे के लिए किसी ‘उचित समय’ का इस्तेमाल करें।
जदयू ने विदेश मंत्रालय के इस कदम का विरोध किया है। पार्टी के प्रधान महासचिव महासचिव व राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा, ‘मुझे ताज्जुब है कि ऐसा किया गया है। पिछले दिनों खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार से भूकंप के बाद राहत व बचाव कार्यो को लेकर बात की थी। दोनों पूरे तालमेल से काम कर रहे थे। अब तो सदन में मुद्दा उठने के बाद ही इसका खुलासा हो पाएगा।’
त्यागी ने बताया, ‘नेपाल का जनकपुर बिहार के पड़ोस में है। यहां बिहार के लोग भी रहते हैं। भूकंप के बाद यहां नेपाल, केंद्र सरकार और बिहार सरकार एक साथ राहत अभियान चला रहे हैं। नीतीश कुमार वहां ऑन स्पॉट यह सब देखना चाहते थे. हालांकि, केंद्र सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी।’
गौरतलब है कि 25 अप्रैल को आए भूकंप ने नेपाल और बिहार में भारी तबाही मचाई थी। 7.9 की तीव्रता वाले इस भूकंप से नेपाल में 7000 से अधिक लोगों की मौत और एक हजार घायल हो गए। वहीं बिहार में 50 से अधिक लोगों की जान चली गई।