एनएमडीसी ने आज हैदराबाद स्थित अपने मुख्यालय पर टर्नकी कार्यों के लिए मानक बोली दस्तावेज जारी किया। खनन कंपनी की कई महत्वाकांक्षी और ज्यादा पूंजी वाली परियोजनाएं आनी हैं। इस मानक बोली दस्तावेज से अनुबंधों के आवंटन, क्रियान्वयन और निगरानी में ज्यादा दक्षता सुनिश्चित होगी।
एनएमडीसी ने अपने वर्तमान मानक बोली दस्तावेज की समीक्षा की है और उद्योग में प्रचलित सर्वश्रेष्ठ तौर तरीकों को अपनाने हुए इसमें सुधार किया है। मानक बोली दस्तावेज परियोजना प्रबंधन और निगरानी, कार्य का निर्धारण, मूल्य का आकलन, भुगतान परामर्श, समस्याओं को सामने लाकर और विवाद समाधान को आसान एवं सरल बनाता है, जिससे एनएमडीसी के साथ कारोबारी सुगमता में सुधार होगा।
सीपीएसई ने एक समग्र और व्यापक दस्तावेज तैयार किया है, जो इसकी सभी टर्नकी परियोजनाओं के लिए एक मॉडल के रूप में काम करेगा। जिओ टैगिंग को सक्षम बनाकर, इस पहल से एनएमडीसी में डिजिटल माहौल को प्रोत्साहन मिलेगा।
एनएमडीसी के सीएमडी श्री सुमित देब ने कहा कि मानक बोली दस्तावेज से एनएमडीसी को सार्वजनिक खरीद के चार सिद्धांतों- पारदर्शिता, समानता, निष्पक्षता और प्रतिस्पर्धात्मकता को बनाए रखने और उनके पालन में सहायता मिलेगी। इस तरह के दस्तावेज के साथ, एनएमडीसी एक ऐसी वैश्विक संस्था बन जाएगी, जिसके साथ दुनिया काम करना चाहेगी।
मानक बोली दस्तावेज जारी करना एनएमडीसी के लिए एक अहम कारोबारी बिंदु है। एनएमडीसी के निदेशक (उत्पादन) श्री दिलीप कुमार मोहंती ने कहा, इससे निविदा दस्तावेज तैयार करने का समय घट जाएगा और बोलीदाता के आत्म विश्वास और सुविधा के स्तर में बढ़ोतरी होगी।
दस्तावेज के बारे में बोलते हुए, निदेशक (तकनीकी) श्री सोमनाथ नंदी ने कहा कि मानक बोली दस्तावेज से निविदाओं और अनुबंधों के लिए हमारी कवायद आसान हो जाएगी और संगठन में दक्षता और निर्णय लेने की प्रक्रिया में भी सुधार करेगा। इस तरह, ठेके देने में लगने वाले समय में कमी आएगी और उनका विवेकपूर्ण ढंग से पालन किया जाना चाहिए।