नई दिल्ली: देश में लौह अयस्क के सबसे बड़े उत्पादक राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) ने एक बार फिर वर्ष 2018-19 के लिए लगातार तीसरे वर्ष उत्पादन और बिक्री के 30 मिलियन टन के आंकड़े को पार कर लिया है।
दोनीमलाई खान में पांच महीने काम रूकने, अगस्त 2018 तक कोई निर्यात नहीं होने, बेलाडीला क्षेत्र में सबसे अधिक वर्षा होने तथा कर्नाटक में पहली तिमाही में खराब कुल खरीद के बावजूद, एनएमडीसी ने वित्त वर्ष 2019 के दौरान 32.44 मीट्रिक टन लौह अयस्क का उत्पादन किया और उसकी 32.38 मीट्रिक टन बिक्री रही।
वर्ष के दौरान एनएमडीसी की लौह अयस्क परियोजनाओं ने एक दिन, महीने और वर्ष में सर्वश्रेष्ठ उत्पादन किया तथा उसकी बिक्री भी अच्छी रही।
- महीने में सबसे अधिक प्रेषित-मार्च 2019 में 37.95 लाख टन, जबकि पिछले वर्ष सर्वश्रेष्ठ 37.20 लाख टन (जनवरी 2017) था।
- एक दिन का सबसे अधिक उत्पादन 1.91 लाख टन (31.03.2019), जबकि पिछला सर्वश्रेष्ठ उत्पादन 1.63 लाख टन (28.03.2019) था।
- एक दिन में सबसे अधिक प्रेषित लौह अयस्क 1.42 लाख टन (16.03.2019), जबकि पिछला सर्वश्रेष्ठ उत्पादन 1.40 लाख टन (04.03.2018) था।
- वर्ष 2018-19 में सबसे अधिक अन्वेषण खुदाई 16071 मीटर थी, जबकि 2017-18 में 15065 मीटर थी।
- वर्ष 2009-10 में खानों के दोबारा खुलने के बाद हीरों का दूसरा सर्वश्रेष्ठ उत्पादन (38033 कैरेट) था।
एनएमडीसी के मुख्य प्रबंध निदेशक एन.बैजेन्द्र कुमार ने सभी कर्मचारियों को उनके समर्पित कठोर श्रम और उत्कृष्ट टीम भावना से कार्य करने के लिए बधाई दी तथा इस्पात मंत्रालय तथा छत्तीसगढ़ सरकार और सभी साझेदारों को उनके सहयोग और दिशा निर्देश के लिए धन्यवाद दिया।