नई दिल्ली: एनएमडीसी ने वर्ष 2018-19 में 32.36 मिलियन टन लौह अयस्क का उत्पादन और बिक्री की। एनएमडीसी इससे वर्ष में 35.58 मिलियन टन का उत्पादन किया था और 36.08 मिलियन टन की बिक्री की थी।
वर्ष 2018-19 में कंपनी का टर्नओवर 12,153 करोड़ रूपये रहा, जबकि वर्ष 2017-18 में यह 11,615 करोड़ रूपये था और इसमे 5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी।
वर्ष 2018-19 के लिये एनएमडीसी ने 7,198 करोड़ रूपये का कर पूर्व लाभ(पीबीटी)अर्जित किया।वर्ष 2017-18 में यह 6,179 करोड़ रूपए था और इसमें 17 प्रतिशत की प्रभावी वृद्धि दर्ज की गयी। इसी प्रकार वर्ष 2018-19 में कर देने के बाद लाभ,वर्ष 2017-18 में 3,806 करोड़ रूपये के मुकाबले 22 प्रतिशत की रिकार्ड वृद्धि के साथ 4,642 करोड़ रूपये रहा।
एनएमडीसी के मुख्य कार्यकारी निदेशक श्री बिजेंद्र कुमार ने कंपनी के सभी कर्मचारियों को उनकी लगन, मेहनत और प्रयासों के लिये बधाई दी है। श्री बिजेंद्र कुमार ने कहा कि संचालन संबंधी चुनौतियों के बाद भी एनएमडीसी अच्छे परिणाम दे सकता है। उन्होंने सभी भागीदारों, इस्पात मंत्रालय और छत्तीसगढ़ सरकार को सहयोग के लिये धन्यवाद दिया।
चौथी तिमाही 2018-19 | वार्षिंक 2018-19 | |
लौह अयस्क उत्पादन(मिलियन टन में ) | 10.59 | 32.36 |
लौह अयस्क बिक्री (मिलियन टन में) | 10.17 | 32.36 |
बिक्री (करोड़ रूपये में ) | 3,643 | 12,153 |
कर पूर्व लाभ (करोड़ रूपये में ) | 2,197 | 7,198 |
एनएमडीसी की स्थापना 15 नवंबर 1958 को ईधन तेल और परमाणु खनिजों के अलावा खनिज संसाधनों के अन्वेषण, विकास और खोज के लिये सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम के रूप की गयी थी। एनएमडीसी लौह अयस्क और हीरों के अन्वेषण में कार्यरत हैं। एनएमडीसी वर्तमान में छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में तीन पूर्ण रूप से यंत्रीकृत खानों के द्वारा 35 मिलियन टन लौह अयस्क के उत्पादन कर देश का सबसे बड़ा लौह अयस्क उत्पादक है।