नई दिल्ली:“केरल में निपाह वायरस रोग का कोई नया मामला नहीं है।” यह जानकारी केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन द्वारा दी गई जो केरल में निपाह वायरस रोग की स्थिति की नियमित रूप से समीक्षा करते रहे हैं। केरल की राज्य स्वास्थ्य मंत्री श्रीमती के. के. शैलजा द्वारा कल उनसे बातचीत किए जाने पर उन्होंने आश्वासन दिया कि स्वास्थ्य मंत्रालय इसकी रोकथाम एवं प्रबंधन में केरल सरकार को नियमित रूप से सभी प्रकार की सहायता उपलब्ध कराता रहेगा।
केरल के एर्णाकुलम जिले में 3 जून, 2019 को निपाह का एक मामला दर्ज किया गया था। जैसे ही यह मामला दर्ज किया गया, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने स्थिति का जायजा लिया और बहु-विषयक केन्द्रीय टीमों को तैनात कर दिया गया जिनमें एनसीडीसी, एम्स एवं आईसीएमआर के विशेषज्ञ शामिल हैं। यह टीम इसकी जांच, संपर्क का पता लगाने एवं नमूनों का परीक्षण तथा निपाह वायरस रोग के प्रबंधन में राज्य की सहायता कर रही है।
भोपाल के एनआईएचएसएडी के विशेषज्ञ जांच में स्थानीय पशुपालन विभाग की सहायता कर रहे हैं। पशु स्वास्थ्य पक्ष की टीम ने पशुधन से नमूनों का संग्रह किया है तथा बैट ड्रापिंग के नमूनों का भी संग्रह किया है। तीन कीट वैज्ञानिकों के साथ एनआईवी टीम को इंडेक्स केस (जहां चमगादड़ों/अन्य स्रोतों से संक्रमण की आशंका है) के दो आवासीय स्थानों में तैनात किया गया है। एनसीडीसी में कार्य नीति स्वास्थ्य संचालन केन्द्र (एसएचओसी) को 4 जून, 2019 से सक्रिय कर दिया गया है और यह निपाह को नियंत्रित करने के लिए निगरानी एवं अनुक्रिया गतिविधियों पर प्रक्षेत्र टीमों के साथ समन्वय कर रही है।
आम जनता के प्रश्नों के उत्तर देने के लिए एसएचओसी पर एक समर्पित फोन लाइन की स्थापना कर दी गई है। अभी तक केवल 42 कॉल प्राप्त हुए हैं। एर्णाकुलम के मेडिकल कॉलेज में एक प्वांइट ऑफ केयर टेस्ट फैसिलिटी की स्थापना की गई है। कर्नाटक ने केरल के समीपवर्ती जिलों में निपाह वायरस रोग की निगरानी बढ़ा दी है।
एक पॉजिटिव केस की स्थिति स्थिर है। कोई नए मामले दर्ज नहीं किए गए हैं। 11 संदिग्धों में से 10 निगेटिव पाए गए हैं और एक का परिणाम प्रतीक्षित है।