लखनऊ: भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा है कि कोरोना काल ने बहुत कुछ भले ही बदल दिया हो, लेकिन काशी की शक्ति, उसकी ऊर्जा एवं भक्ति कोई नहीं बदल सकता। काशी जीवन्त हैं। काशी की गलियां ऊर्जावान हंै। यही काशी अविनाशी है।
प्रधानमंत्री जी आज राजघाट, वाराणसी में ‘देव दीपावली’ के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने प्रथम दीप प्रज्ज्वलित कर आयोजन का शुभारम्भ किया। तत्पश्चात् काशी के आदिकेशव से अस्सी तक सभी घाट क्षण भर में ही असंख्य दीयों की रोशनी से जगमगा उठे। देव दीपावली पर्व पर राजघाट पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान उपस्थित जन सहित देशवासियों को प्रधानमंत्री जी ने कार्तिक पूर्णिमा एवं देव दीपावली की शुभकामना के साथ ही गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व की बधाई दी।
हर-हर महादेव के उद्घोष से काशी के प्रति अपनी भावना प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री जी ने कहा कि 100 साल पहले माता अन्नपूर्णा की चोरी हुई मूर्ति वापस आ रही है। हमारे देवी-देवताओं की प्राचीन मूर्तियां हमारी विरासत हैं। उन्होंने कहा कि इतना प्रयास पहले नहीं किया गया। ऐसी तमाम मूर्तियां हमारी विरासत हैं और विरासत का मतलब है देश की धरोहर। उन्होंने घाटों पर दीपकांे की सजावट का उल्लेख करते हुए कहा कि काशी की विरासत अब लौट रही है, तो लगता है मां अन्नपूर्णा की वापसी से काशी सज कर स्वागत के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा का चन्द्रमा, काशी में मनाई जा रही देव दीपावली का साक्षी बन रहा है। देव दीपावली के महत्व के सम्बन्ध में शास्त्रों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि काशी के लोग देव स्वरूप हैं। काशी के नर-नारी देवी व शिव के रूप हैं।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि भारत हर क्षेत्र में सशक्त हो रहा है। भारत आज सबका जवाब दे रहा है। किसानों को बिचैलियों व उनका शोषण करने वालों से मुक्ति मिल रही है। रेहड़ी-पटरी वालों को भी बैंक सहायता प्रदान कर रहे हैं। देश लोकल के लिए वोकल भी हो रहा है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि ‘वोकल फॉर लोकल’ जीवन का हिस्सा बनना चाहिए। सुधारों की सार्थकता सामने आने लगती है, तो विरोध शान्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर धाम के माध्यम से बाबा विश्वनाथ का मां गंगा से सम्बन्ध पुनस्र्थापित हो रहा है। यह कार्य जब प्रारम्भ हुआ, तो कुछ लोगों ने विरोध किया, किन्तु काशी के लोगों ने उनको जवाब दिया कि काशी का गौरव पुनर्जीवित हो रहा है। नेक नियत से जब अच्छे कार्य किए जाते हैं, तो विरोध के बावजूद उनकी सिद्धि होती है। काशी व अयोध्या धार्मिकता के साथ पर्यटन के क्षेत्र में बढ़ रहे हैं और नई ऊंचाइयां तय कर रहे हैं। आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को 130 करोड़ देशवासियों के सहयोग व ताकत से पूरा करेंगे।
काशीवासियों से अपने भावनात्मक सम्बन्धों की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री जी ने कहा कि कोरोना काल में भी वे उनसे दूर नहीं रहे। प्रतिदिन कोरोना के सम्बन्ध में किए जा रहे कार्यों और लोगों को उपलब्ध करायी जा रही सुविधाओं की जानकारी प्राप्त करते रहे। कोरोना कालखण्ड में बाहर से आए लोगों को बढ़-चढ़कर सहयोग करने के लिए प्रधानमंत्री जी ने काशीवासियों के सेवाभाव एवं समर्पण को नमन किया। गरीब से गरीब लोगों की चिन्ता करने पर उन्होंने काशीवासियों को आश्वस्त किया कि आप लोगों की सेवा में कोई कमी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना को परास्त करके देश विकास के पथ पर चल पड़ा है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रधानमंत्री जी का स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी का काशी के प्रति भावनात्मक लगाव है। उन्होंने कहा कि देशवासियों को कोरोना से बचाने के बाद प्रधानमंत्री जी का काशी आगमन हुआ है।
वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री जी ने ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की जो परिकल्पना की थी, वह वर्तमान में साकार हो रही है। अयोध्या में श्रीराम मन्दिर के निर्माण का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 500 वर्षों की ऐसी समस्या अन्यों के लिए जटिल एवं कठिन थी, वे चाहते ही नहीं थे कि समस्या का समाधान हो। प्रधानमंत्री जी द्वारा अयोध्या में मन्दिर निर्माण शुरू कराकर उसके बाद काशी आगमन पर मुख्यमंत्री जी ने उनका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने काशी के आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व को बनाए रखते हुए इसे वैश्विक मंच पर स्थापित किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 1913 में मां अन्नपूर्णा की एक मूर्ति चोरी हुई थी। प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से काशी की मां अन्नपूर्णा फिर से काशी वासियों को मिलने वाली हैं। प्रधानमंत्री जी देश के गौरव के लिए समर्पित हैं। देशवासी ही प्रधानमंत्री जी का परिवार हैं।
पिछले 06 वर्षों में मां गंगा को निर्मल एवं अविरल बनाया गया है। प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से काशी विश्वनाथ व मां गंगा को जोड़ने का कार्य श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर धाम के माध्यम से हजारों साल बाद हो रहा है। प्रयागराज कुम्भ-2019 में 200 देशों के राजदूतों को आमंत्रित कर दुनिया के वैश्विक मंच पर कुम्भ को स्थापित किया गया।
इस अवसर पर राज्य सरकार के मंत्रिगण श्री आशुतोष टण्डन, डाॅ0 नीलकण्ठ तिवारी, श्री रविन्द्र जायसवाल सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
इससे पूर्व, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के साथ श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर में विधिवत दर्शन-पूजन करने के पश्चात परियोजना की प्रगति का स्थलीय निरीक्षण किया तथा मौके पर मौजूद अधिकारियों से विस्तार से इस सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की।