लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपने सरकारी आवास पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इस विभाग के तहत कार्यरत खाद्य अनुभाग और औषधि अनुभाग के क्रिया-कलापों का सीधा प्रभाव जनस्वास्थ्य पर पड़ता है। अतः यह दोनों अनुभाग अपनी-अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह प्रभावी ढंग से करें। जन स्वास्थ्य से किसी को खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा, ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री जी ने खाद्य अनुभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि खाद्य व्यवसाय से जुड़े हुए व्यापारियों/खाद्य उत्पाद विनिर्माण करने वालों को लाइसेंस प्रदान करने की प्रक्रिया को सरलीकृत किया जाए। एक बार आवेदन करने के उपरान्त आवेदनकर्ता से सभी औपचारिकताएं शीघ्र पूरी करवाकर और सभी आपत्तियों को दूर करते हुए शीघ्रता से लाइसेंस निर्गत किए जाएं। इस श्रेणी के तहत लाइसेंस धारकों की संख्या में वृद्धि सुनिश्चित की जाए। उन्होंने आॅनलाइन लाइसेंस प्राप्त करने की व्यवस्था को प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने खाद्य सुरक्षा के लिए जनपद स्तर पर तैनात खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को अपने-अपने जनपदों में निरन्तर अभियान चलाकर खाद्य सामग्री के नमूने संकलित करने और उनका विश्लेषण करने के निर्देश देते हुए कहा कि इसमें फेल होने वाले नमूनों के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। मसालों, खाद्य तेलों, दालों के साथ-साथ सब्जियों में मिलावट की जांच करते हुए मामला सामने आने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने खाद्य अनुभाग के मण्डल स्तर के अधिकारियों को जनपदों में भ्रमण करने के निर्देश दिए। उन्होंने फेल होने वाले नमूनों के दोषियों के खिलाफ अभियोजन की सख्त कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘डिस्ट्रिक्ट माॅनीटरिंग कमेटी’ के समक्ष मिलावट के मामलों को प्रस्तुत किया जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने इन मामलों में दण्ड राशि बढ़ाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने खाद्य पदार्थों के संकलित नमूनों की रिपोर्ट एक हफ्ते में देने के भी निर्देश दिए। उन्होंने मण्डल स्तर पर खाद्य सुरक्षा से सम्बन्धित प्रयोगशालाएं 03 महीने के अंदर स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मण्डलायुक्त और जिलाधिकारीगण अपने-अपने क्षेत्रों में खाद्य पदार्थों में मिलावट के प्रकरणों की लगातार समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सामान्य जन के स्वास्थ्य के प्रति अत्यन्त सजग है। त्योहारों पर बिकने वाली मिठाइयों में मिलावट को रोकने के लिए लगातार माॅनीटरिंग की जाए और मिलावट पाये जाने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री जी ने विभिन्न मण्डलों और जनपदों से आये खाद्य सुरक्षा से जुड़े सहायक आयुक्तों, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारियों तथा खाद्य सुरक्षा अधिकारियों से खाद्य सुरक्षा के सम्बन्ध में की गई कार्रवाई की जानकारी प्राप्त करते हुए निर्देश दिए कि सभी अधिकारी अपने-अपने जनपदों में खाद्य सुरक्षा का क्रियान्वयन प्रभावी ढंग से करें। नमूनों का लगातार संकलन करते हुए इनका विश्लेषण करने के उपरान्त फेल होने वाले नमूनों से सम्बन्धित दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें तथा इसकी मासिक रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भी भेजें।
मुख्यमंत्री जी ने एक अन्य बैठक में औषधि अनुभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए अनुभाग के उच्चाधिकारियों से इसके क्रिया-कलापों की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि मेडिकल स्टोरों, औषधि निर्माणशालाओं और रक्त कोषों की लगातार माॅनीटरिंग की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश में नकली अथवा अधोमानक दवाओं की बिक्री किसी भी हाल में न हो। उन्होंने औषधि विक्रय तथा औषधि निर्माण के लिए स्थापित की जाने वाली इकाइयों को लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को सरलीकृत करते हुए शीघ्रता से लाइसेंस देने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश में मौजूद मेडिकल स्टोरों, रक्त कोषों और औषधि निर्माणशालाओं की लगातार प्रभावी माॅनीटरिंग करने के निर्देश देते हुए कहा कि इनसे दवाओं आदि के नमूनों का निरन्तर संकलन करते हुए उनका विश्लेषण सुनिश्चित किया जाए और फेल होने वाले नमूनों के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि इसकी मासिक रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जाए। उन्होंने फेल नमूनों के अभियोजन कार्य में तेजी लाने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने औषधि निर्माणशालाओं के लिए लाइसेंस जारी करते वक्त शपथ पत्र लेने के निर्देश देते हुए कहा कि इसमें इस बात का उल्लेख किया जाए कि ऐसी इकाइयां अधोमानक औषधियों का निर्माण बिलकुल नहीं करेंगी अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसी प्रकार लाइसेंस देने से पहले मेडिकल स्टोरों से भी शपथ पत्र लिया जाए कि वे अपने स्तर से नकली दवाइयों की बिक्री नहीं करेंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आॅनलाइन प्रक्रिया को चुस्त-दुरुस्त बनाया जाए। आवेदनकर्ता से सभी औपचारिकताएं पूरी करवाने के बाद सभी आपत्तियां एक बार में निस्तारित करते हुए शीघ्रता से लाइसेंस जारी किया जाए। उन्होंने नमूनों की जांच के लिए मण्डल स्तर पर प्रयोगशालाएं स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने दवाओं के मूल्य के उतार-चढ़ाव की भी माॅनीटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने मौसम की संक्रामक बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया इत्यादि बीमारियों के फैलने पर रक्त कोषों द्वारा रोगियों से अनाप-शनाप मूल्य वसूल करने की प्रवृत्ति पर प्रभावी ढंग से रोक लगाने के भी निर्देश दिए।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री जी ने मण्डल तथा जनपद स्तर के अधिकारियों से उनके क्षेत्रों में औषधि प्रशासन की स्थिति की अद्यतन जानकारी ली और निर्देश दिए कि उनके क्षेत्रों में अधोमानक दवाओं की बिक्री किसी भी हाल में न हो। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जन स्वास्थ्य के प्रति अत्यन्त संवेदनशील है और इससे किसी को भी खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं देगी।