लखनऊ: प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में वर्तमान सरकार के गठन के पश्चात दिसम्बर, 2017 में घोषित ’’उ0प्र0 इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति 2017’’ में प्रदेश में इलेक्ट्रानिक्स निवेश को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्थित नोएडा, ग्रेटर नोएडा तथा यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र को ’’इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग जोन’’ घोषित किया गया था। इस नीति के अन्तर्गत 5 वर्षों में इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण के क्षेत्र में रू0 20,000 करोड़ का निवेश तथा वर्ष 2022 तक न्यूनतम 3,00,000 व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। नीति के अन्तर्गत रू0 20,000 करोड़ के निवेश के लक्ष्य को 3 साल में ही लगभग 30 निवेशकों द्वारा प्रदेश में निवेश प्राप्त कर अर्जित कर लिया गया है तथा 3,00,000 से अधिक लोगों के रोजगार सृजित हुये।
एशियाई देशों ताइवान, कोरिया आदि देशों की अनेक प्रतिष्ठित कम्पनियॉ उत्तर प्रदेश में अपनी इकाईयां स्थापित करने के लिए आकृष्ट हो रही है। एक ओवरसीज प्रतिष्ठित कम्पनी द्वारा ग्रेटर नोएडा के 100 एकड़ क्षेत्र में इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (ई0एम0सी0) विकसित किया जा रहा है जिसमें अनेक सदस्य इकाइयों द्वारा अपनी उत्पादन इकाइयॉ स्थापित की जा रही है। इस नीति ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र को भारत के एक इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण हब के रूप में प्रतिष्ठित किया है।
उ0प्र0 इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति 2017 की सफलता को देखते हुए अगस्त, 2020 में सरकार ने नई ’’उ0प्र0 इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति 2020’’ प्रख्यापित करने का निर्णय लिया। इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को प्रदेश के सभी क्षेत्रों में एक समान विकास के लिए नई नीति से सम्पूर्ण राज्य को आच्छादित किया गया है।
नई नीति में अगले पॉच वर्षो में रू0 40,000 करोड़ का निवेश और 4,00,000 व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजन का लक्ष्य है। नीति के अन्तर्गत प्रदेश में 3 इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स की स्थापना के अनुरूप यमुना एक्सप्रेसवे में जेवर एयरपोर्ट के समीप एक इलेक्ट्रानिक सिटी की स्थापना, बुन्देलखण्ड में रक्षा इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर तथा लखनऊ-उन्नाव-कानपुर जोन में मेडिकल इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। बुन्देलखण्ड तथा पूर्वांचल क्षेत्रों में अपने विनिर्माण उद्योग स्थापित करने वाले निवेशकों के लिए वित्तीय प्रोत्साहन को आकर्षक बनाया गया है। नई नीति के अन्तर्गत रू0 1000 करोड़ से अधिक निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं।
प्रदेश में ई0एस0डी0एम0 उद्योग में अनुसंधन, इन्नोवेशन तथा उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार तथा उद्योग संघों के सहयोग से राज्य में 3 सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स के रूप में विश्वस्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर सृजित किया जाएगा। इस क्रम में स्प.पवद.ब्मससे ;च्वेज ब्मससद्ध हेतु सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स (सी0ओ0ई0) की स्थापना आई0सी0ई0ए0 तथा इलेक्ट्रानिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से स्थापनाधीन है। यह अनुसंधान एवं विकास केन्द्र के रूप में कार्य करेगा तथा यह उत्पाद आयात के स्थान पर देश में ही निर्मित होंगे और इस क्षेत्र में 100 से अधिक इकाइयॉ आच्छादित होंगी।