लखनऊ: गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग आयुक्त श्री विपिन कुमार द्विवेदी, ने बकायेदार 39 चीनी मिलों को शीघ्र भुगतान की चेतावनी देते हुए स्पष्ट किया है कि वे बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान अविलम्ब सुनिश्चित कर दें अन्यथा उनके विरूद्ध वसूली प्रमाण-पत्र निर्गत किये जाने जैसी कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने बताया कि कृषकों का गन्ना मूल्य भुगतान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसे शीघ्र कराया जायेगा।
श्री द्विवेदी ने बताया कि पेराई सत्र 2015-16 में देय गन्ना मूल्य 18003.13 करोड़ रुपये के सापेक्ष 16266.42 करोड़ रुपये का भुगतान चीनी मिलों से कराया जा चुका है, जो कुल देय का 90.35 प्रतिशत है। इस सत्र का मात्र 1736.71 करोड़ रुपये अवशेष है। उन्होंने बताया कि कुल संचालित 117 चीनी मिलों में से 78 चीनी मिलों ने राज्य परामर्शित मूल्य (ै।च्) की दर से शत-प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया है। सहकारी (24 मिलें) एवं निगम (01 मिल) क्षेत्र की सभी चीनी मिलों ने शत-प्रतिशत भुगतान कर दिया है। निजी क्षेत्र की 92 चीनी मिलों में से 53 चीनी मिलों ने भी शत-प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया है। निजी क्षेत्र की 11 चीनी मिलों का भुगतान 90 प्रतिशत से अधिक है।
श्री द्विवेदी ने बताया कि 40 प्रतिशत से कम भुगतान वाली 09 चीनी मिलों यथा मोदीनगर, मलकपुर, तितावी, बहेड़ी, चिलवरिया, बृजनाथपुर, ऊन एवं मवाना की आर0सी0 भी जारी की जा चुकी है। बड़े बकायेदार मिल समूहों (मोदी, मवाना, सिम्भावली एवं राणा) के मिल मालिकों के विरूद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा-3/7 में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है। गतवर्ष इसी अवधि तक मात्र 13439 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य भुगतान हुआ था जो कुल देय का मात्र 65 प्रतिशत था। इस प्रकार इस सत्र में गत सत्र के सापेक्ष लगभग 2827 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान कराया जा चुका है। उन्होंने बताया कि वेव, बिड़ला, त्रिवेणी, धामपुर, बलरामपुर, द्वारिकेश, डालमिया एवं डी0एस0सी0एल0 समूहों द्वारा शत-प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान किया जा चुका है। इसी प्रकार एकल चीनी मिलों यथा दौराला, परसेडी, बिसवां, सेवरही, मोतीनगर, टिकौला, अगौता एवं अगवानपुर द्वारा भी शत-प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान किया जा चुका है।
