केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अन्तरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र कोविड के बाद के भारत और इसकी अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करेगा। सीआईआई द्वारा “स्ट्रेंथनिंग लॉजिस्टिक्सः पूर्वोत्तर क्षेत्र में ई-कॉमर्स के लिए चुनौतायाँ और अवसर” विषय पर आयोजित एक वेबिनार को सम्बोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर यानि नॉर्थ ईस्ट के एनई का मतलब है कि भारत के विकास का नया इंजन। एक ऐसा इंजन जिसे गति देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार प्रयास कर रहे हैं। भारत वर्ष 2022 में आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ की तरफ बढ़ रहा है, ऐसे में इस नए इंजन का महत्व और ज़्यादा बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में कनेक्टिविटी के मुद्दे को विशेष महत्व दिया है, इससे यह क्षेत्र न केवल देश के विकसित राज्यों के समकक्ष खड़ा होगा, बल्कि इससे देश का डबल डिजिट विकास और 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था का लक्ष्य भी हासिल होगा।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि ई-कॉमर्स सप्लाई चेन संभावनाओं और उम्मीदों से भरा क्षेत्र है, जो इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को विभिन्न तरीकों से बढ़ावा दे सकता है। कोविड महामारी के दौरान हमने देखा है कि ई-कॉमर्स ने एमएसएमई और छोटे उद्यमियों की आजीविका को बढ़ावा देने में किस तरह से मदद की है। उन्होंने कहा कि, हमारे देश में अनेक प्रतिभाशाली कारीगर और शिल्पकार हैं। ई-कॉमर्स इनकी प्रतिभा को एक मंच प्रदान कर सकता है, जिसकी मदद से न सिर्फ व्यावसाय के अवसर पैदा होंगे, बल्कि इन इन्हें वैश्विक बाज़ार में अपने अनोखे उत्पादों का प्रदर्शन करने का मौका भी मिलेगा।
मंत्री ने कहा कि लॉजिस्टिक्स और व्यापार के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और इस क्षेत्र में एक जीवंत बहु-मॉडल परिवहन क्षेत्र बनाने के उद्देश्य से, सरकार ने बुनियादी ढांचागत विकास के साथ चरणबद्ध विकास रणनीतियों और विशेष क्षेत्र आधारित नीतिगत कार्रवाई की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि भारतीय सप्लाई चेन कंपनियां पूर्वोत्तर क्षेत्र में अपनी परिचालन संबंधी गतिविधियों को फैला रही हैं, ताकि पूर्वोत्तर क्षेत्र में तेज़ी से बढ़ती लॉजिस्टिक संभावनाओं का फायदा उठाया जा सके।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में वर्तमान सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र में मौजूद विशाल संभावनाओं का अनुकूल तरीके से लाभ उठाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। आज हमारे देश में “लुक ईस्ट” नीति पूरी तरह से “एक्ट ईस्ट” नीति में बदल गई है। उन्होंने कहा कि दक्षिण पूर्व एशियाई देशों की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए प्रवेश द्वार होने के नाते, भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र आसियान देशों के साथ व्यापार और व्यावसायिक संबंधों को बढ़ावा देकर देश की जीडीपी में व्यापक स्तर पर योगदान देने की क्षमता रखता है, जिससे इस क्षेत्र की खोई हुई आर्थिक मज़बूती को फिर से हासिल किया जा सकता है।