नॉर्थ ईस्ट वेंचर फंड (एनईवीएफ), जोकि पूर्वोत्तर क्षेत्र का पहला और एकमात्र समर्पित वेंचर फंड है और जिसकी शुरुआत मोदी सरकार द्वारा की गयी थी, स्टार्ट-अप और युवा उद्यमियों के बीच लोकप्रियता हासिल कर रहा है।पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डोनर) द्वारा शुरू की गई वेंचर फंड की इसयोजना का उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियों और कौशल विकास को बढ़ावा देना है।
इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्रविकास (डोनर)राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), राज्यमंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्रीडॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज यहां कहा कि डोनर मंत्रालय ने नॉर्थ ईस्ट डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनईडीएफआई) के साथ मिलकर100 करोड़ रुपये की शुरुआती धनराशि के साथ नॉर्थ ईस्ट वेंचर फंड की स्थापना की थी, जोकि पूर्वोत्तर क्षेत्र का पहला और एकमात्र वेंचर फंड था।इस फंड का लक्ष्य नए उद्यमियोंको संसाधन प्रदान करने के उद्देश्य से स्टार्ट-अप और अनूठे व्यावसायिक अवसरों में निवेश करना है। उन्होंने कहा कि नॉर्थ ईस्ट वेंचर फंड (एनईवीएफ) का मुख्य ध्यान ज्यादातर खाद्य प्रसंस्करण, हेल्थकेयर, पर्यटन, सेवाओं के पृथक्करण, आईटी आदि के क्षेत्र में शामिल उद्यमों पर है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह गौर करते हुए खुशी होती है किपूर्वोत्तर क्षेत्र के युवाओं को आजीविका प्रदान करने की प्रारंभिक प्रेरणा के साथ शुरू की गई यह वेंचर फंड योजना अब विविध पृष्ठभूमि के वैसे युवाओं के विभिन्न समूहों को आकर्षित करना शुरू कर चुकी है, जोपूर्वोत्तर क्षेत्र के अबतक अनछुए पहलुओं में मौजूद संभावनाओं में अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं।उन्होंने कहा किइस वेंचर फंड स्कीम मेंपांच से दस साल की लंबी अवधि वाली समय-सीमा के साथ निवेश का आकार 25 लाख रुपये से लेकर10 करोड़ रुपये के बीच होता है।
डॉ. सिंह ने इस बात का भी उल्लेख किया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र मंत्रालय ने “डेस्टिनेशन नॉर्थ ईस्ट” श्रृंखला शुरू की है, जिसमें देश के विभिन्न स्थानों पर उद्यमिता से जुड़ी संभावनाओं सहित पूर्वोत्तर के विभिन्न पहलुओं का प्रदर्शन किया जाता है। इन आयोजनों के दौरान भी, संभावित उद्यमियों और व्यवसाय से जुड़े स्टार्ट-अप को परामर्श और सहायता प्रदान करने के लिए एक विशेष व्यवस्था की जाती है।