गुजरात में उत्तर भारतीयों पर हमलों के बाद उधना एक्सप्रेस से लौटे पूर्वांचल और बिहार के लोगों से कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय राय ने कैंट रेलवे स्टेशन पर मुलाकात की। राय ने लोगों से वहां के हालात के बारे में जानकारी ली और ढाढस बंधाया। लौटने वालों ने बताया कि परिवार की सुरक्षा की चिंता ने उन्हें गुजरात छोड़ने पर मजबूर कर दिया।
अहमदाबाद-पटना एक्सप्रेस से गुजरात से लौट रहे बिहार के मजदूरों से वहां के हालात पूछते ही उनकी आंखें छलक पड़ीं। जुबां दर्द बयां करने लगी। सीतामढ़ी के राजू ने बताया कि वह घरों में ही सुरक्षित थे। न तो उन्हें काम पर जाने दिया जा रहा था और न ही किसी और काम को करने दिया जा रहा था। रीना ने बताया कि घर की जरूरत का सामान भी बाजार से लेने नहीं जा पा रहे थे। खाने-पीने के लाले पड़ गए तब लौटे। राम मोहन और नीलम का कहना है कि जिनके साथ रोज का उठना बैठना था। अचानक उनके लिए हम पराए हो गए।
मधुबनी के निर्भय पासवान, आजमगढ़ के संजय राम व सीमा देवी, आरा के पप्पू पाल, मऊ के जयप्रकाश, गाजीपुर के देवेश पांडेय, आरा के एक परिवार की ही मुन्नी देवी, सारो देवी, चुनमुन साहब के अलावा दूसरे परिवार के सर्वेश तिवारी, रागिनी तिवारी और उनकी आठ साल की बच्ची सौम्या आदि ने पूर्व विधायक को अपनी व्यथा सुनाई। मुलाकात के बाद पूर्व विधायक ने कहा कि गुजरात से लौट रहे लोग काफी डरे हुए हैं।
लोगों ने उन्हें बताया कि उत्तर भारतीयों को धमकियां मिल रही हैं कि वापस भागो, नहीं तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहो। उधर, महानगर युवा कांग्रेस की ओर से दशाश्वमेध घाट पर आयोजित आचमन संकल्प सत्याग्रह के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने घटना के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। अमर उजाला