लखनऊ: उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक मृतक आश्रित शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ द्वारा अपनी मांगो को लेकर लक्ष्मण मेला पार्क लखनऊ में विशाल धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया। धरना करने का मुख्य कारण मृतक आश्रितों के साथ हो रहे अन्याय की अनदेखी है।
मृतक आश्रितों की योग्यता स्नातक या परास्नातक होते हुये भी उनको चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर समायोजित किया गया, और किया जा रहा है। आज का मृतक आश्रित योग्यता होने के बावजूद भी इस पद पर स्वंय को लेकर बहुत अक्रोशित है । पहले मृतक आश्रितों को यह प्राविधान था कि जो मृतक आश्रित स्नातक परास्नातक होगा उसे सेवारत प्रशिक्षण दिलाकर सहायक अध्यापक पद पर समायोजित कर दिया जायेगा । और जिसकी योग्यता इण्टरमीडिएट होगी उन्हे लिपिक के पद पर समायोजित किया जायेगा। परन्तु शिक्षा का अधिकार कानून आने के बाद इन्हे सिर्फ चतुर्थ श्रेणी के पद पर समायोजित किया गया। और इनका शोषण किया गया। इन मृतक आश्रितों को शासन से दयादृष्टि मिलनी चाहिये थी, लेकिन इन्हे दया की जगह घृणा की दृष्टि से देखा गया । अपने ऊपर हो रहे अन्याय को लेकर पूरे प्रदेश भर के मृतक आश्रितों ने लड़ाई का ऐलान किया है। इसी के तहत संघ का विस्तार कर इन्होने अपने साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ शासन को धरना लगाकर यह संकेत दिया है कि अगर हमारी मांगो पर विचार नही किया गया तो अगला धरना अनिश्चित कालीन रखा जायेगा। अब कर्मचारी अपने साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ बिगुल बजा चुके है जो अब रूकने वाला नही है। यह लड़ाई तभी रूकेगी जब हमको सम्मान जनक व योग्यतानुसार पद दिया जायेगा।
धरने में सम्मिलित पूरे प्रदेश के मृतक आश्रितों को सम्बोधित करते हुये उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष व उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक मृतक आश्रित शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के मुख्य संरक्षक श्री अभिमन्यु प्रसाद तिवारी जी ने कहा कि ये मृतक आश्रित शिक्षक पुत्र है इन्हे सम्मान देना विभाग व शासन की जिम्मेदारी है। शिक्षक संगठन ने वर्तमान समय में अपनी धरोहर को खो दिया है। हम इस धरोहर को वापस लायेगें । श्री तिवारी ने कहा कि मृतक आश्रित सिर्फ अपने अधिकारों के लिये लड़ाई लड़ रहा है और इसके लिये इन्हे कोई भी लड़ाई लड़ना पड़े हम पूरा सहयोग करेंगें और शासन व सरकार से इनका खोया हुआ सम्मान वापस दिला कर रहेगें। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के पूर्व महामंत्री व उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक मृतक आश्रित शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के संरक्षक श्री सुशील कुमार पाण्डेय जी ने कहा कि मृतक आश्रित हमारे जैसे ही शिक्षक पुत्र है और ये हमारे शिक्षक परिवार के अंग है। वर्तमान समय में शिक्षक संगठन को ये सोचना चाहिये था कि मृतक आश्रित भी हमारे ही परिवार का हिस्सा है तो हम इन्हे भला अकेला कैसें छोड़ सकते है। श्री पान्डेय ने कहा कि शासन को संघ द्वारा कई पत्र भेजे गये लेकिन अभी तक कोई भी उत्तर ना आने के कारण मृतक आश्रित संघ ने सरकार कोे अपनी बाते सुनाने के लिये विशाल धरने का ऐलान किया है। मौके पर पहुँचे ए0डी0एम0 प्रशासन को संघ के मुख्य संरक्षक श्री अभिमन्यु प्रसाद तिवारी व सुशील कुमार पाण्डेय की उपस्थिति में मुख्यमंत्री उ0प्र0 को संबोधित अपना ज्ञापन पढ़कर सुनाया व ज्ञापन की प्रति दी। ए0डी0एम0 प्रशासन द्वारा संघ द्वारा दिये गये ज्ञापन की प्रति 24 घण्टों में मुख्यमंत्री के समक्ष पेश करने की बात कही गयी।
सभा को सम्बोधित करते हुये प्रदेश अध्यक्ष धीरेन्द्र गोस्वामी ने कहा कि अब शासन द्वारा अनदेखी बर्दाश्त नही करेगें। हमारे भाईयों को इस चतुर्थ श्रेणी के पद को लेकर अत्याधिक आक्रोश भरा हुआ है। अगर शासन हमारी मागों पर विचार कर कोई परिणाम नही देता है तो पूरा प्रदेश का मृतक आश्रित इस अन्याय के खिलाफ रोड़ पर उतरेगा। जिसका सारी जिम्मेदारी शासन व सरकार की होगी। प्रदेश के महामंत्री जुबेर अहमद ने कहा कि हमारी योग्यता स्नातक/परास्नातक होते हुये भी हमें चतुर्थ श्रेणी के पद पर यह कहते हुये रखा गया कि विभाग में लिपिक का कोई भी पद खाली नही है और शिक्षक की हम योग्यता नही रखते । इसलिये हमें अधिसंख्य पद पर चतुर्थ श्रेणी पद पर समायोजित करेगें। मैं शासन से ये पूछना चाहता हूँ कि अगर हमारी योग्यता शिक्षक की नही है तो चतुर्थ श्रेणी पद की भी नही थी तो हमें अधिसंख्य चतुर्थ श्रेणी पद क्यो दिया गया। ये मृतक आश्रितों के साथ घोर अन्याय है। यह अन्याय बर्दाश्त नही किया जायेगा। हमें न्याय चाहिये और हम न्याय पाने के लिये ही लड़ाई लड़ने के लिये तैयार है। इस धरने में प्रदेश भर के सभी पदाधिकारी मौजूद रहे । धरने में बाराबंकी जिलाध्यक्ष कुलदीप, फैजाबाद अध्यक्ष मनोज कुमार, ने व अन्य साथी भी अपनी अपनी बात रखी।