लखनऊ: प्रदेश के सहकारिता मंत्री श्री मुकुट बिहारी वर्मा ने ए0सी0ए0बी0सी0 योजना के तहत दिये जा रहे प्रशिक्षण की प्रशंसा की तथा प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र देते हुये उनके उज्ज्वल भविष्य के लिये शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि ये युवा कृषि उद्यमी बनकर न केवल रोजगार देंगें अपितु कृषि क्षेत्र के विकास में उ0प्र0 के साथ ही साथ देश का गौरव भी बढ़ायेंगे तथा 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान करेंगे। सहकारिता मंत्री ने यह भी कहा कि देश की जी0डी0पी0 में कृषि आय का मात्र 19 प्रतिशत ही योगदान है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा तथा सम्पत्ति का असंतुलन ठीक किया जा सकेगा और इसके साथ ही साथ इस प्रशिक्षण से न केवल रोज़गार के अवसर उपलब्ध होंगे वरनफ भारत सरकार के कृषि विकास मिशन की पूर्ति भी होगी।
श्री वर्मा आज यहाॅं इंस्टीट्यूट आॅफ कोआॅपरेटिव एण्ड कार्पोरेट मैनेजमेंट, रिसर्च एण्ड ट्रेनिंग (आई0 सी0 सी0 एम0 आर0टी0), के सभागाार में राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंध संस्थान (मैनेज), हैदराबाद के सहयोग से संचालित ऐग्रीक्लीनिक्स एवं ऐग्रीबिजनेस सेंटर्स (ए0सी0ए0बी0सी0) योजना के अन्तर्गत संस्थान द्वारा आयोजित किये गए प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान करने व 8वें बैच का शुभारम्भ किया। उन्होने कहा कि इस संस्थान से छात्र प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है वह मेहतन से प्रशिक्षण प्राप्त करे और उसके बाद स्वः रोजगार अपना कर विकास कर रहे है। उन्होने यह भी कहा कि सकारात्मक सोच रखकर कार्य करे तो जरूर सफलता मिलेगी यह मन में विश्वास रखना चाहिए। प्रशिक्षण में जो जानकारी छात्रों को दी जा रही है उसको गम्भीरता से प्राप्त करें।
इस अवसर पर राज्य मंत्री सहकारिता, श्री उपेन्द्र तिवारी ने कहा कि संस्थान द्वारा सफलतापूर्वक चलाए जा रहे ए0सी0ए0बी0सी0 कार्यक्रम के लिये संस्थान के निदेशक तथा सम्बंधित अधिकारियों/कर्मचारियों की प्रशंसा की तथा आयोजित किये जा रहे बैच की सफलता हेतु शुभकामनाएं दीं। उन्होने कहा कि सहकारिता विभाग निरन्तर प्रगति कर रहा है।
इस अवसर पर संस्थान के निदेशक श्री राजीव यादव ने कहा कि संस्थान इस प्रकार के कार्यक्रमों के अतिरिक्त राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान (नियाम), जयपुर के प्रशिक्षण कार्यक्रम, प्रबन्ध शिक्षा के विभिन्न पाठ्यक्रम यथा एम0बी0ए0, बी0बी0ए0, बी0काॅम (आनर्स) जैसे प्रतिष्ठित एवं रोजगारपरक कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक संचालन करता है। यहाॅ के 100 प्रतिशत छात्र-छात्राएं देश-विदेश की प्रतिष्ठित संस्थाओं में कार्य कर संस्थान का नाम रोशन कर रहे हैं।
इस अवसर पर सफल उद्यमियों ने अपनी सफलता की कहानी को भी प्रस्तुत किया। इसमें श्री त्रशपाल सिंह (गन्ना उत्पादन, इस कार्य के लिये उन्हें बैंक से रु0 15-00 लाख का ऋण भी मिला है।), श्री नरेश चन्द्र गंगवार (खाद व कीटनाशक, इस कार्य के लिये उन्हें बैंक से रु0 5-00 लाख का ऋण भी मिला है।), श्री पवन कुमार (खाद व कीटनाशक, इन्होंने ‘‘कवच‘‘ नामक दवा स्वयं बनाई है जो जंगली जानवरों को भगाने में सहायक है।), श्री राहुल कुमार यादव (मुर्गी पालन), श्री अनुज वर्मा (खाद व कीटनाशक), श्री आशीष सिंह (जैविक उत्पाद), श्री सुधीर कुमार सक्सेना (खाद व कीटनाशक), श्री अजय कुमार (खाद व कीटनाशक, इस कार्य के लिये उन्हें बैंक से रु0 5-00 लाख का ऋण भी मिला है।) शामिल हैं। श्री शंकर ए0 पाण्डेय, मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड, लखनऊ ने कहा कि ए0सी0ए0बी0सी0 कार्यक्रम में प्रशिक्षित प्रतिभागियों को बैंक से ऋण मिलने में नाबार्ड सदैव सहायता प्रदान करने के लिये तत्पर है। एम0बी0ए0 के प्राचार्य प्रोफेसर अविनाश डी0 पाथर्डीकर ने कार्यक्रम की सफलता के लिये गणमान्य अतिथियों एवं उपस्थित सभी लोगों को धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर श्री आन्द्रा वामसी, आई0ए0एस0, अपर आयुक्त एवं अपर निबन्धक, बैंकिंग, मो0 जुनैद विशेष सचिव सहकारिता, श्री शंकर ए0 पाण्डेय मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड लखनऊ, श्री ऋषि पाल सिंह, स्टेट मैनेजर, इफको, ए0सी0ए0बी0सी0 कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डाॅ0 के0 अन्बुमणि श्री ऋषि पाल सिंह, स्टेट मैनेजर, इफको ,संस्थागत सेवा मण्डल के अध्यक्ष, सदस्य गण एवं अन्य संकाय सदस्य एवं अन्य अधिकारी व कर्मचारी गण तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रशिक्षु उपस्थित थे।