लखनऊ: प्रदेश के पंचायती राज मंत्री श्री राम गोविन्द चैधरी ने विभाग का कार्यभार ग्रहण करते ही प्रमुख सचिव पंचायती राज तथा निदेशक भारत स्वच्छता मिशन (ग्रामीण) को पत्र के माध्यम से सख्त निर्देश दिये हैं कि पंचायती राज विभाग की छवि जनमानस में सुधारने के लिए प्रत्येक स्तर पर भ्रष्टाचार एवं कमीशनखोरी को समाप्त किया जाय। उन्होंने भारत स्वच्छता मिशन (ग्रामीण) योजना के अन्तर्गत निर्मित होने वाले शौचालयों को शतप्रतिशत क्रियाशील कराने के भी निर्देश दिये हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि जनपदीय अधिकारियों से इस बात का प्रमाण-पत्र प्राप्त किया जाय कि शौचालय निर्माण हेतु निर्गत धनराशि का सदुपयोग लाभार्थियों द्वारा कर लिया गया है तथा शौचालयों का उपयोग किया जा रहा है।
श्री चैधरी ने पंचायती राज विभाग द्वारा कराये जा रहे विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की शिथिलता एवं कार्यों में लापरवाही न करने के सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि इन कार्यों में किसी भी अधिकारी एवं कर्मचारी की इस प्रकार की संलिप्तता पाये जाने पर इनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि लोगों में सामान्य चर्चा है कि भारत स्वच्छता मिशन (ग्रामीण) योजना के तहत निर्मित शौचालय निष्प्रयोज्य हैं और इनका प्रयोग स्टोर अथवा पशुओं के बाड़े के रूप में किया जा रहा है। उन्होंने पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर इस बात की वास्तविक स्थिति का भौतिक सत्यापन कराने के भी निर्देश दिए हैं।
पंचायती राज मंत्री ने जिला पंचायतों द्वारा कराये जा रहे विकास कार्यों की गुणवत्ता का भी स्थलीय सत्यापन कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत द्वारा कराये गये विभिन्न कार्यों की गुणवत्ता से सम्बन्धित पत्रावलियां प्राप्त हुई हैं, जिन पर अपेक्षानुरूप अनुमोदन प्रदान किया गया है। उन्होंने जिला पंचायतों द्वारा कराये जा रहे कार्यों को पूर्ण गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय में पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं।