भारतीय लोकतंत्र का मंदिर यानि हमारे देश का संसद भवन अब हर दिन तिरंगे की रोशनी में चमकेगा. स्वतंत्रता दिवस से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस व्यवस्था का उद्घाटन किया. संसद भवन के लाइटिंग की व्यवस्था में एलईडी लाइट्स का इस्तेमाल किया गया है. हालांकि पहले भी संसद भवन में स्वतंत्रता दिवस के आसपास लाइटिंग की व्यवस्था की जाती थी, जो कि 10 से 15 दिनों तक रहती थी, लेकिन यह पहला मौका है जब तिरंगे के रंग में साल के हर दिन संसद भवन चमकेगा.
संसद भवन में इस लाइटिंग सिस्टम को महज 21 दिन में लगाया गया है. इसमें 865 एलईडी लाइट्स का इस्तेमाल किया गया है. लाइटिंग सिस्टम प्रोग्राम और कंप्यूटर दोनों तरीके से संचालित होगा. जबकि इसको नाम दिया गया है डायनेमिक फसाड लाइटिंग यानि गतिशील प्रकाश सज्जा. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और अन्य सांसद भी मौजूद थे.
गतिशील प्रकाश सज्जा से जो बिजली की खपत का खर्चा आएगा, वह आम लाइटिंग सिस्टम की मुकाबले पांच गुना कम होगा. आठ साल दो महीने में इसे लगाने के बाद जितनी बिजली बचेगी उसका खर्च इस सिस्टम को लगाई गई राशि के बराबर होगा. इसमें लगाए गए बल्ब 15 साल तक चलेंगे. जबकि इस नायाब व्यवस्था में 1 करोड़ 60 लाख लाइटिंग कांबिनेशन जनता द्वारा देखे जा सकेंगे.
इस लाइट की विशेषता यह है कि यह कुछ ही सेकंड में अपने रंग को बदल लेता है और कभी कभी एक साथ विभिन्न रंगों में भी नजर आता है. रंगों को विशेष तरह से प्रोग्रामिंग किये गए कंप्यूटर से मॉनिटर किया जाएगा. बेहतर दिखने के साथ ही यह लाइटिंग पर्यावरण के भी अनुकूल है. इसमें कम बिजली की खपत करने वाली एलईडी लाइट्स लगाई गई हैं. लाइट्स को नार्थ और साउथ की तर्ज पर ही सोलर ऊर्जा से चलाया जाएगा. इस लाइट को फिलहाल शाम 7 बजे से सुबह के 5 बजे तक जलाया जाएगा. सर्दी और जरूरत के अनुसार इसके समय को कुछ आगे और पीछे के बढ़ाया और घटाया जा सकता है.
सीपीडब्ल्यूडी ने किया है ये काम
इस सिस्टम को सीपीडब्ल्यूडी ने लगाया है और कलर कांबिनेशन का खास ध्यान रखा गया है. इस पर लगभग 6 करोड़ रुपये का खर्चा आया है. इस मौके पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश का कहना था कि जब संसद भवन परिसर ऐसी रोशनी में जगमगाए तो रोम रोम प्रफुल्लित होगा और जाहिर सी बात है उत्साह तो आएगा ही. Source News18