आगरा: आम लोगों को परेशान करने वाले बंदरों पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन मुस्तैद हो गया है। आगरा और मथुरा के बीच हाइवे पर स्थित चुरमुरा गांव के पास सरकार ने बंदर संरक्षण गृह बनाने का फैसला लिया है।
आगरा में कीठम में भालू संरक्षण गृह की तर्ज पर ही बंदर संरक्षण गृह बनाया जाएगा, जिसमें बंदरों को जंगल जैसा वातावरण दिया जाएगा।
उत्पाती बंदरों को यहां तक लाने के लिए इस क्षेत्र में काम कर रहे एनजीओ की मदद ली जाएगी। ये संरक्षण गृह 10 हेक्टेयर भूमि में बनेगा, जिसमें बंदरों के इलाज की भी व्यवस्था होगी। गौरतलब है कि जंगल कम होने और रिहायशी बस्तियां लगातार बढ़ने से बंदरों के लिए जगह ही नहीं बच रही है। इसका नतीजा ये है कि बंदर मानव बस्तियों की तरफ रुख कर आतंक का पर्याय बन जाते हैं।
धार्मिक आस्था से जुड़े होने के कारण इन पर किसी तरह की सख्ती भी नहीं की जा सकती। इसलिए एक बीच का रास्ता इनका संरक्षण गृह बनाने को लेकर खोजा गया। डीएफओ महावीर कौजलगी ने बताया कि मथुरा व वृंदावन शहर में ही 40 हजार से अधिक बंदर हैं। उन्होंने बताया कि डीएम के निर्देश पर संरक्षण गृह बनाया जाएगा। बंदरों को संरक्षण गृह में जंगली बनाया जाएगा। ये पेड़ों से खुद फल तोड़कर खाना सीखेंगे। उत्पाती बंदरों को यहां इलाज भी किया जाएगा।