देहरादून: सरकारी महकमों में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी, आउटसोर्स कर्मियों के लिए खुशखबरी है। अब इन कर्मियों को भी पीएफ का लाभ मिलेगा। ईपीएफओ ने इन कर्मियों को पीएफ के दायरे में लाने के लिए डाटा जुटाने का काम शुरू कर दिया है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की बीती 14 नवंबर को देहरादून में सचिव श्रम हरबंस सिंह चुघ की अध्यक्षता में क्षेत्रीय समिति की बैठक हुई। इसमें ईपीएफ अफसरों ने सरकारी महकमों में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी, आउटसोर्स कर्मियों का पीएफ जमा न करने का मुद्दा उठाया था। तब सचिव चुघ ने बताया कि दो साल पहले अक्तूबर 2016 में मुख्य सचिव ने सभी सरकारी महकमों को ऐसे कर्मियों का पीएफ जमा करने के निर्देश दिए थे लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अब फिर से मुख्य सचिव स्तर से सभी महकमों को पत्र लिखा जा रहा है। इधर, ईपीएफओ ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है। ईपीएफओ सरकारी महकमों में कार्यरत आउटसोर्स, दैनिक वेतनभोगी कर्मियों की संख्या, काम करने की अवधि आदि का डाटा जुटा रहा है। वहीं, विभागीय अधिकारियों को भी पत्र लिखकर पीएफ जमा करने की अपील की जा रही है।
नियमानुसार सरकारी विभागों में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी, आउटसोर्स कर्मियों का भी पीएफ जमा करना चाहिए, जो नहीं हो रहा है। अब इन कर्मियों को पीएफ के दायरे में लाने के लिए तैयारी की जाएगी।
सूबे में सभी सरकारी महकमों में वन, बिजली, जलसंस्थान, बीएसएनएल, ईपीएफओ समेत कई विभागों में ऐसे कर्मी काम करते हैं। उनको सिर्फ वेतन मिलता है लेकिन पीएफ का लाभ नहीं मिल पाता है।
कर्मियों को होंगे ये फायदे
- दस साल तक काम करने पर पेंशन का लाभ
- अधिकतम 6.30 लाख रुपये का चिकित्सा बीमा
- पीएफ की निश्चित राशि हर माह बतौर बचत जमा होगी