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एनआरए से केन्द्र सरकार की नौकरियों में भर्ती की प्रक्रिया में परिवर्तनकारी सुधार का मार्ग प्रशस्त होगा: डॉ. जितेंद्र सिंह

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि सामान्य पात्रता परीक्षा के आयोजन के लिए नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी की स्थापना का केन्द्रीय मंत्रिमंडल का फैसला केन्द्र सरकार की नौकरियों में भर्ती के क्षेत्र में ऐतिहासिक, दूरदर्शी और क्रांतिकारी सुधार है। यहां मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह फैसला सरकार की भर्ती प्रक्रिया में आमूलचूल बदलाव लेकर आएगा। उन्होंने कहा कि नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (एनआरए) नाम का बहु- एजेंसी संगठन समूह बी और सी (गैर तकनीक) पदों के लिए अभ्यर्थियों की जांच/ छंटनी के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा कराएगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस कदम से न सिर्फ भर्ती, चयन और नौकरी में प्लेसमेंट आसान होगा, बल्कि समग्र रूप से जीवन में सुगमता सुनिश्चित होगी। इसके तहत कुल 1,000 केन्द्र खोले जाएंगे, हर जिले में एक केन्द्र होगा, जहां पर अभ्यर्थी परीक्षा दे सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस कदम से दूरदराज और पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वालों और विशेष रूप से बालिका अभ्यर्थियों को काफी सहायता मिलेगी। इसके अलावा उनके मूल्यवान समय और संसाधनों में भी बचत होगी।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि एनआरए अगले साल से अस्तित्व में आ जाएगी और इसका मुख्यालय दिल्ली में होगा। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि राज्य सरकारों को भी सहकारी संघवाद की सच्ची भावना के साथ इससे जुड़ने का परामर्श दिया जाएगा। उन्होंने यह उम्मीद भी जाहिर की कि निकट भविष्य में निजी क्षेत्र भी एनआरए से जुड़ेगा। उन्होंने कहा कि एनआरए में रेल मंत्रालय, वित्त मंत्रालय/ वित्तीय सेवा विभाग, एसएससी, आरआरबी और आईबीपीएस के प्रतिनिधि होंगे। यह कल्पना की गई है कि एनआरए केन्द्र सरकार की भर्ती प्रक्रिया में विशेष प्रौद्योगिकी और सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं को लाने वाली एक विशेष संस्था होगी।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि एनआरए के अंतर्गत प्रति वर्ष दो परीक्षाएं होंगी और अभ्यर्थियों के अंक तीन साल के लिए वैध रहेंगे। उन्होंने कहा, हिंदी और अंग्रेजी के अलावा, नियत समय में आगे 12 भाषाओं में परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा और संविधान की 8वीं अनुसूची में उल्लिखित सभी भाषाओं में इन्हें कराने के प्रयास किए जाएंगे।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि कई भर्ती परीक्षाएं अभ्यर्थियों के साथ ही संबंधित भर्ती एजेंसियों पर बोझ के समान होती हैं। इससे बेवजह और बार-बार व्यय होते हैं, कानून व्यवस्था और स्थल से संबंधित समस्याएं पैदा होती हैं।

उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रत्येक परीक्षा में 2.5 करोड़ से 3 करोड़ अभ्यर्थी भाग लेते हैं, लेकिन एक सामान्य पात्रता परीक्षा में इन अभ्यर्थियों को एक बार ही भाग लेना होगा और उच्च स्तर की परीक्षा के लिए किसी या इन सभी भर्ती एजेंसियों में आवेदन करना होगा। उन्होंने कहा कि यह एजेंसी सभी अभ्यर्थियों के वरदान के समान होगी।

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