देहरादून: भारतीय कार्यबल को अंतर्राष्ट्रीय अवसर प्रदान करने के लिये राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने यूएई और मध्य पूर्व के सबसे बड़े और सफल ड्राइविंग इंस्टिट्यूट एमिरेट्स ड्राइविंग इंस्टिट्यूट (ईडीआई), यूएई और यूथ चैम्बर ऑफ कॉमर्स (वाईसीसी), यूएई के साथ गठबंधन किया है, ताकि भारत के विभिन्न भागों में ड्राइवर प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किये जा सकें।
इस गठबंधन से अभ्यर्थियों को यूएई के सड़क एवं परिवहन अभिकरणों और मध्य पूर्व के अन्य भागों के विनियामक अभिकरणों की आवश्यकता के अनुसार यूएई का ड्राइविंग लाइसेंस मिलेगा। इससे ऐसे हजारों भारतीयों को रोजगार के अवसर मिलेंगे, जो यूएई और मध्य पूर्व के अन्य भागों में काम करना चाहते हैं, लेकिन उन देशों में प्रवेश के समय ड्राइविंग लाइसेंस न होने के कारण अवसर का लाभ नहीं ले पाते हैं। ऐसे लोग अब भारत में ड्राइविंग स्टाइल और सड़क का शिष्टाचार सीखेंगे और यूएई तथा मध्य पूर्व के अन्य भागों में गाड़ी चलाने के लिये तैयार होंगे।
इस गठबंधन से यूएई के संभावित कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ेगी, क्योंकि अब यूएई और मध्य पूर्व के अन्य भागों की कंपनियों के पास गंतव्य देश की आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षित अभ्यर्थियों का बड़ा समूह होगा।
एनएसडीसी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. मनीष कुमार ने कहा, ‘‘ईडीआई-यूएई के साथ मिलकर हम भारत में ड्राइवरों को कुशल बनाएंगे और ऐसे हजारों भारतीयों के लिये रोजगार के अवसर निर्मित करेंगे, जो रोजगार के लिये यूएई और मध्य पूर्व जाना चाहते हैं। इस गठबंधन से संबद्ध साझीदारों के बीच भागीदारी का इको-सिस्टम बनेगा और रोजगार तेजी से मिलेंगे।’’
ईडीआई के मुख्य कार्यालय में हुए समारोह के दौरान एमिरेट्स ड्राइविंग इंस्टिट्यूट के चेयरमैन एवं बेलहासा ग्रुप ऑफ कंपनीज के वाइस चेयरमैन अमेर बेलहासा ने कहा, ‘‘एनएसडीसी और वाईसीसी के साथ इस गठबंधन ने हमें भारत के विभिन्न भागों में ड्राइविंग इंस्टीट्यूट स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त किया है। एक्सपो 2020 और इस क्षेत्र की अन्य पहलों के दौरान यूएई में ड्राइवरों की भारी मांग का आकलन करते हुए ईडीआई का लक्ष्य भारतीय युवाओं को खाड़ी में रोजगार प्रदान करना है।’’
एनएसडीसी आवश्यक साझीदारों, जैसे राज्य सरकारों, भारतीय प्रशिक्षण भागीदारों और वरिष्ठ कौशल समितियों के साथ मिलकर भारत में ड्राइवर प्रशिक्षण संस्थानों का परिचालन करेगा और निगरानी तथा प्रबंधन का काम भी देखेगा। इसके अलावा, प्रशिक्षण मूलभूत व्यवहार कुशलता, सांस्कृतिक संवेदनशीलता और अभ्यर्थियों को कुशल अंग्रेजीभाषी बनाने पर भी केन्द्रित होगा।