नई दिल्ली: राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड (एनएसआईसी) ने वर्ष 2019-20 के लिए सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यम मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। समझौता ज्ञापन पर एएस तथा डीसी (एमएसएमई) तथा एनएसआईसी के सीएमडी राम मोहन मिश्रा तथा एमएसएमई मंत्रालय के सचिव डॉ. अरुण कुमार पांडा ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम मंत्रालय की संयुक्त सचिव अलका नांगिया अरोड़ा निदेशक (एमएमई) मर्सी ईपाव, निदेशक पी तथा एम (एनएसआईसी) पी उदय कुमार और निदेशक वित्त (एनएसआईसी) ए के मित्तल उपस्थित थे।
समझौता ज्ञापन में देश में सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यमों के लिए एनएसआईसी द्वारा अपनी विपणन, वित्तीय, टेक्नोलॉजी तथा अन्य समर्थनकारी सेवा योजनाओं को बढ़ाने का प्रावधान है। निगम को 2019-20 में संचालन से राजस्व प्राप्ति 22 प्रतिशत बढ़ने की आशा है। यह राजस्व 2018-19 में 2540 करोड़ रुपये से 22 प्रतिशत बढ़कर 2019-20 में 3100 करोड़ रुपये हो जाएगा। वर्ष 2019-20 में एनएसआईसी के मुनाफे में 32 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना है। निगम प्रशिक्षुओं की संख्या में 45 प्रतिशत की वृद्धि लक्ष्य तय करके उद्यमिता तथा कौशल विकास प्रशिक्षण के क्षेत्र में कार्य कुशलता बढ़ाने की योजना बना रहा है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय की ओर से एनएसआईसी द्वारा लागू की जा रही राष्ट्रीय अनुसूचित जाति – जनजाति हब योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति/जनजाति उद्यमियों को सहायता प्रदान करने के प्रयास विभिन्न उपायों तथा कार्यक्रम के माध्यम से जारी रहेंगे।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के सचिव डॉ. ए के पांडा ने एनएसआईसी के कार्यों की सराहना करते हुए एनएसआईसी की पहुंच को व्यापक बनाने के प्रयास का सुझाव दिया ताकि यह देश में बड़ी संख्या में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों की सेवा कर सके।