बिजली मंत्रालय के अधीन सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी ने कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान न सिर्फ देश में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की, बल्कि उसने कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिये पूरे समाज की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया है। इस सिलसिले में कंपनी ने देश के विभिन्न हिस्सों में चिकित्सा बुनियादी ढांचे में इजाफा किया है।
एनटीपीसी ने पहल करके 600 से अधिक ऑक्सीन बेड और 1200 आईसोलेशन बेडों की व्यवस्था की है। उसने अपनी विभिन्न परियोजनाओं और आसपास के इलाके में सप्ताह भर में ही युद्धस्तर पर यह काम अंजाम दिया है। इसके कारण आम जनता सहित तमाम लोगों की प्राण रक्षा हो सकी है। एनटीपीसी, राज्य और जिला प्रशासन के साथ नजदीकी तालमेल बनाकर काम कर रही है और उसने दूर-दराज के इलाकों में भी चिकित्सा बुनियादी ढांचों में इजाफा किया है।कोविड-19 के मामलों में तेजी, खासतौर से दिल्ली और एनसीआर में, के मद्देनजर एनटीपीसी ने अकेले एनसीआर में 200 ऑक्सीजन बेडों और 140 आईसोलेशन बेडों की सुविधा के लिये प्रयास किया, जिसके कारण कोविड मरीजों को बड़ी राहत मिली है। एनसीआर में यह सुविधा दादरी, नोएडा और बदरपुर में स्थापित की गई है। इन केंद्रों पर ऑक्सीजन सपोर्ट, कोविड टेस्टिंग, इनवेसिव और नॉन-इनवेसिव वेंटीलेटर, चौबीस घंटे नर्सिंग और चिकित्सा सहायता उपलब्ध है। इस सुविधा को 30 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। एनटीपीसी ने 40 से अधिक डॉक्टरों, सैकड़ों पैरा-मेडिकल और सपोर्ट स्टाफ की व्यवस्था की है। इसके साथ सात ऐसी ऐंबुलेंस भी हैं, जो ऑक्सीजन से लैस हैं और 24 घंटे सेवा में उपलब्ध हैं।
एनटीपीसी ने ओडिशा के सुंदरगढ़ में 400 करोड़ रुपये की लागत से 500 बिस्तरों वाला एक सर्व सुविधा सम्पन्न अस्पताल बनाया है। यह अस्पताल रिकॉर्ड समय में बनाया गया और महामारी के मद्देनजर उसे कोविड अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है। यह अस्पताल इलाके के लाखों लोगों की सेवा कर रहा है। विभिन्न चिकित्सा उपकरणों के अलावा, इस अस्पताल में एनटीपीसी ने 20 वेंटीलेटर की सुविधा भी जोड़ दी है, जिससे असंख्य गंभीर मरीजों के उपचार में मदद मिल रही है। इसके अलावा, गंभीर उपचार को देखते हुये एनटीपीसी अस्पताल को अतिरिक्त 40 वेंटीलेटर दे रहा है। एनटीपीसीदार्लीपाली भी झारसुगुड़ा में 30 आईसीयू बिस्तरों की सुविधा शुरू करने में सहायता कर रहा है।
एनटीपीसी ने मध्यप्रदेश के खरगौन जिला अस्पताल में 250 ऑक्सीजन वाली बेडों, 20 एचडीयू और 10 आईसीयू बेडों की व्यवस्था की है। इसकी लागत 2.24 करोड़ रुपये आई है। यह सुविधा दूर-दराज के लोगों के लिये वरदान साबित हो रही है। इसके कारण कोविड-19 के कहर से बेशुमार लोगों की जिंदगी बची है। झारखंड में एनटीपीसी, नॉर्थ करमपुरा, ने 53 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी है, जिससे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, टंडवा, जिला चतरा, झारखंड में ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम वाले 15 आईसीयू बेड तैयार होने हैं। इसके अलावा हजारीबाग स्थित एनटीपीसी के पकड़ी बरवाडीह की खनन परियोजना ने रिम्स, रांची, आईटीकेईटीआई, रांची और हजारीबाग मेडिकल कॉलेज के लिये केंद्रीयकृत मेडिकल गैस पाइपलाइन प्रणाली बनाई है। इसकी लागत एक करोड़ रुपये है। इसके जरिये एक हजार से अधिक बेडों तक ऑक्सीजन पहुंचाया जा रहा है। देश के दूर-दराज के इलाकों में मौजूद एनटीपीसी की कई परियोजनायें अपने आसपास चिकित्सा बुनियादी ढांचा तैयार करने में भरपूर योगदान कर रही हैं।
संकट के मौजूदा दौर में एनटीपीसी की विभिन्न परियोजनायों ने जिला प्रशासनों को 2000 से अधिक औद्योगिक सिलेंडर उपलब्ध कराये हैं, जिन्हें बदलकर मेडिकल ऑक्सीजन के सिलेंडरों के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। ऑक्सीजन की मांग में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुये, एनटीपीसी देश भर में ऑक्सीजन बनाने के बुनियादी ढांचे के विकास में प्रमुख भूमिका निभा रहा है। कोविड मरीजों की जान बचाने के लिये ऑक्सीजन बहुत अहम है। इसी खयाल से कंपनी ने दो दर्जन से अधिक ऑक्सीजन जेनेरेशन प्लांट स्थापित किये हैं। इनमें से कुछ संयंत्रों में ऑक्सीजन सिलेंडरों को भरने और रीफिल करने की भी सुविधा मौजूद है। इनमें से 09 पीएसए वर्ग के संयंत्रों और दो बॉटलिंग संयंत्रों को एनसीआर में लगाया जा रहा है। यह सुविधा चरणबद्ध तरीके से इसी महीने शुरू हो जायेगी। छह सौ एलपीएम पीएसए वर्ग का एक संयंत्र, सीएचसी, छाबरा, जिला बारन, राजस्थान में लगाया जा रहा है, जिसकी लागत लगभग एक करोड़ रुपये है। इसके लिये खरीद ऑर्डर दिया जा चुका है। एनटीपीसी की अन्य परियोजनाओं में रिहंद, ऊंचाहार, विंध्याचल (उत्तरप्रदेश), गदरवारा, खरगौन (मध्यप्रदेश) और ओडिशा के दार्लीपाली में जिला और स्थानीय स्तर पर ऑक्सीजन संयंत्र लगाये जा रहे हैं। इन ऑक्सीजन जेनेरेशन संयंत्रों को लगाने के लिये एनटीपीसी ने 12 करोड़ रुपये से अधिक की रकम खर्च की है।
एनटीपीसी अपने आसपास के लोगों को न सिर्फ कोविड की जरूरी दवायें उपलब्ध करा रहा है, बल्कि लोगों को चिकित्सा सुविधा भी प्रदान कर रहा है। अकेले एनटीपीसी विंध्याचल ने अपने आसपास के इलाकों के 250 से अधिक कोविड मरीजों का इलाज किया। यहां कंपनी के कर्मचारियों का भी उपचार किया गया। अपने सभी कार्यस्थलों में चिकित्सा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और उसे बढ़ाने के साथ-साथ एनटीपीसी ने कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रति लोगों और समुदायों को जागरूक करने का भी बीड़ा उठाया है।सिंगरौली के एसपी के सहयोग से कोविड के खिलाफ जन अभियान की शुरूआत की है। इसके तहत दो समर्पित एम्बुलेंस कार्यरत हैं, जो ऑडियो-विजुअल सुविधा से लैस हैं। इसे एनटीपीसी, विंध्याचल ने तैयार किया है। इस अभियान के तहत300 गांवों के पांच लाख लोगों तक पहुंच बनाई गई। इसके साथ ही एनटीपीसी के स्टेशनों ने सामुदायिक कल्याण के लिये पीपीई किट, मास्क, सेनीटाइजर, सूखा राशन और अन्य आवश्यक वस्तुओं का सार्वजनिक वितरण किया।एनटीपीसी परियोजनायें, सीआईएसएफ फायर विंग के साथ मिलकर सौ से अधिक गांवों-कस्बों में जन स्वच्छता कार्यक्रम चला रही हैं। एनटीपीसी के लेडीज क्लब और एनटीपीसी कर्मचारी एनजीओ भी आगे आये हैं और इन्होंने इस संकटकाल में समाज की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया है।
एनटीपीसी अपने सभी संयंत्रों के समस्त कर्मचारियों, उनके आश्रितों और अन्य हितधारकों के टीकाकरण के लिये भरपूर प्रयास कर रहा है। अब तक, एनटीपीसी ने अपने सभी संयंत्रों में 70 हजार से अधिक लोगों को टीके लगाये हैं, जिनमें उसके कर्मचारी, उनके आश्रित और अन्य लोग भी शामिल हैं। विभिन्न स्थानों पर जन टीकाकरण कैम्प लगाये गये। इसके अलावा, एनटीपीसी का लक्ष्य है कि वह अपने कर्मचारियों, उनके परिजनों और सम्बंधित लोगों का शत प्रतिशत टीकाकरण कर दिया जाये। साथ ही आसपास के लोगों को भी टीके लगाने की योजना है। एनटीपीसी दार्लीपाली, अपने आसपास के लोगों का टीकाकरण करने के लिये 10 हजार टीकों का बंदोबस्त कर रहा है।
एनटीपीसी लोक-दर्शन पर विश्वास करता है। लाभ से अधिक मनुष्य का महत्त्व है। इस गहरी संवेदना के साथ वह समाज का ऋण चुकाने के लिये प्रतिबद्ध है। एनटीपीसी की बेहतरीन कोशिशों के कारण कोविड-19 के खिलाफ जंग में नई किरण नमूदार हुई है और वह संकट से उबरने में पूरे समाज की सहायता कर रहा है। चिकित्सा बुनियादी ढांचे के साथ-साथ ऑक्सीजन सम्बंधी संरचना भी एनटीपीसी बना रही है। इससे महामारी के दौरान तो मदद मिल ही रही है, बल्कि आने वाले समय में भी संकटों से निपटने में इससे बहुत सहायता मिलेगी।