केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि पोषक-अनाज को हमारे भोजन की थाली में पुनः सम्मानजनक स्थान मिलना चाहिए। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष घोषित किया है, जिसके तहत पोषक-अनाज को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा मंत्रियों के समूह को जवाबदारी भी सौंपी गई है। केंद्र सरकार द्वारा स्थानीय, राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक कार्यक्रमों की आयोजना की गई है।
श्री तोमर ने यह बात आज दिल्ली हाट में पोषक-अनाज पाक महोत्सव में कही। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा आयोजित यह पाक महोत्सव भारत की अगुवाई में अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष (IYoM)- 2023 मनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जहां लाइव कुकरी शो के माध्यम से विभिन्न व्यंजनों में मिलेट्स के उपयोग को प्रदर्शित किया जा रहा हैं, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों के प्रख्यात खानसामों ने भी भागीदारी की है।
पोषक अनाज पाक उत्सव…#InternationalYearOfMillets2023 https://t.co/G1tuohpJCQ
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) July 30, 2022
कम से कम पानी की खपत, कम कार्बन फुटप्रिंट तथा सूखे की स्थिति में भी मिलेट की उपज संभव हो जाती है, अत: ये जलवायु अनुकूल फसलें हैं। शाकाहारी खाद्य पदार्थों की बढ़ती मांग के दौर में मिलेट एक वैकल्पिक खाद्य प्रणाली का निर्माण करता है। मिलेट संतुलित आहार के साथ-साथ सुरक्षित पर्यावरण में भी योगदान देता है। ये मानव जाति के लिए प्रकृति की देन हैं। मिलेट बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन और खनिजों जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों का भंडार है जिनकी कमी है।
आईसीएआर-आईआईएमआर, आईएचएम (पूसा) और आईएफसीए के सहयोग से आयोजित इस महोत्सव में मुख्य अतिथि श्री तोमर ने कहा कि मिलेट गरीबों का भोजन है, यह कहकर इसे त्याज्य नहीं करना चाहिए, बल्कि इसे भारत द्वारा पूरे विश्व में फैलाए गए योग और आयुर्वेद के महत्व की तरह प्रचारित-प्रसारित किया जाना चाहिए क्योंकि स्वास्थ्य की दृष्टि से यह अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत मिलेट की फसलों और उनके उत्पादों का अग्रणी उत्पादक और उपभोक्ता है। “मिलेट के सेवन और इससे होने वाले स्वास्थ्य लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मैं इस प्रकार अन्य अनेक आयोजनों की अपेक्षा करता हूं,” श्री तोमर ने कहा।
मिलेट और खाद्य सुरक्षा पर नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन होटल प्रबंधन केटरिंग तथा पोषाहार संस्थान, पूसा के विद्यार्थियों ने किया। श्री तोमर ने मिलेट के विभिन्न स्टालों का निरीक्षण भी किया और पुरस्कार वितरण किया। मिलेट से बने सर्वश्रेष्ठ पाक व्यंजनों के पुरस्कार के लिए प्रतिस्पर्धा करने वाली 26 टीमों में से पांच टीमों को शॉर्टलिस्ट किया गया था। आईएचएम इंदौर, चितकारा विश्वविद्यालय और आईसीआई नोएडा ने शीर्ष तीन स्थान हासिल किए, जबकि आईएचएम भोपाल और आईएचएम मुंबई ने भी अंतिम दौर में भाग लिया।
कार्यक्रम में केंद्रीय राज्यमंत्री श्री कैलाश चौधरी, कृषि सचिव श्री मनोज अहूजा, अतिरिक्त सचिव श्री लिखी, ICAR के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र और IIMR, हैदराबाद की निदेशक सुश्री रत्नावती सहित अन्य गणमान्य भी उपस्थित थे।
महोत्सव के माध्यम से मिलेट से बनाए जा रहे भोजन के पौष्टिक-स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद लेने का अवसर आमजन को मिल रहा है। दिल्ली हाट में इस महोत्सव के दौरान पोषण के बारे में जानकारी प्रदान की जा रही है। मिलेट के कारण होने वाले पर्यावरणीय लाभ, उद्यमशीलता के प्रदर्शन का अवसर एवं आमजन के लिए नियमित आहार योजना में पोषक-अनाज को बढ़ावा देने का भी यह एक बड़ा अवसर है, जिसमें अनेक स्टार्टअप व अन्य भागीदार भी शामिल हुए हैं। ‘छोटे पैमाने के उद्योगों व उद्यमियों के लिए व्यावसायिक संभावनाएं’ विषय पर पैनल परिचर्चा, नुक्कड़ नाटक तथा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं सहित महोत्सव के विभिन्न आकर्षण हैं, जिनके माध्यम से मिलेट के गुणों का प्रसार किया जा रहा है। यह महोत्सव 31 जुलाई तक चलेगा।
प्रोटीन, खनिज और विटामिन के मामले में गेहूं और चावल की तुलना में मोटा अनाज (मिलेट) तीन से पांच गुना अधिक पौष्टिक होता है।
इसकी खेती के लिए पानी की भी बहुत कम आवश्यकता होती है।#InternationalYearOfMillets2023 #AatmaNirbharKrishi pic.twitter.com/LfNpPsTGCe— Narendra Singh Tomar (@nstomar) July 30, 2022