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ओडिशा समुद्री व्यापार का केंद्र बनने जा रहा है: धर्मेंद्र प्रधान

देश-विदेश

केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज कहा कि ओडिशा का समुद्र तट समुद्री व्यापार का केंद्र बनने जा रहा है। मैरीटाइम इंडिया समिट-2021 में ‘ओडिशा में निवेश के अवसर’ सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने सभी संभावित निवेशकों को यह आश्वासन भी दिया कि केंद्र और राज्य सरकारें ओडिशा को एक आकर्षक निवेश के लिए अनुकूल जगह बनाने के लिए मिलकर काम कर रही हैं।

श्री प्रधान ने कहा कि ओडिशा का एक समृद्ध समुद्री इतिहास है और हजारों साल पहले राज्य के नाविक राज्य का भाग्य बदलने और गौरव लाने के लिए दुनिया के विभिन्न हिस्सों में रवाना हुए थे। उन्होंने आगे कहा कि इतिहास में एक वक्त था जब हम दुनिया की सबसे समृद्ध सभ्यताओं में से एक थे। आज 21वीं सदी में पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत और $5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था का स्पष्ट आह्वान किया है। प्राकृतिक बंदरगाह, समृद्ध प्राकृतिक संसाधन, लंबी तटरेखा और कौशल-सक्षम और मेहनती श्रमशक्ति के साथ ओडिशा विशिष्ट रूप से आत्मनिर्भर भारत की यात्रा का हिस्सा है और $5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने में योगदान देता है।

मंत्री ने कहा कि 21वीं सदी में, व्यापार और वाणिज्य का वैश्विक नेटवर्क समुद्री होगा और ओडिशा का तट इसका प्रवेश द्वार होगा। ओडिशा का पारादीप तट देश के पूर्वी भाग के लिए विकास का प्रवेश द्वार बनने जा रहा है। कलिंगनगरी को एक स्टील हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह एक आत्मनिहित इको सिस्टम बनने की परिकल्पना करता है जो मूल्यवर्धित सुविधाओं को स्थापित करने के लिए कई संभावित निवेशकों को सक्षम बनायेगा। पेट्रोलियम और इस्पात क्षेत्रों में हमारी पहल ओडिशा में समुद्री अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि ओडिशा में नए बंदरगाहों के विकास और संचालन के साथ-साथ नदी और समुद्री बंदरगाह क्षेत्र के इष्टतम उपयोग के लिए उद्योगों और कंपनियों की आवश्यकता है।

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के ‘पूर्वोदय’ के दृष्टिकोण को दोहराते हुए कहा कि पूर्वी भारत के विकास को देश के अन्य क्षेत्रों के विकास की गति के समान लाकर राष्ट्रीय विकास को प्राप्त करने की जरूरत है।

श्री प्रधान ने कहा कि महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे जैसे सड़क, रेल और बंदरगाह के एकीकरण से ओडिशा का औद्योगिक विकास होगा। बंदरगाह-आधारित ब्लू-इकोनॉमी यानी समुद्री अर्थव्यवस्था के लिए संभावित बहु-मोडल रेल, सड़क और हवाई संपर्क के साथ समुद्र और नदी के बंदरगाह के साथ खनिजों और वस्तुओं के परिवहन के लिए बहुत कम लॉजिस्टिक लागत पर शुरू किया जाएगा।

श्री प्रधान ने कहा कि ओडिशा दक्षिण पूर्व रेलवे और पूर्वी तट रेलवे के रेल नेटवर्क से पूर्वी और पश्चिमी भारत के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करता है। ओडिशा में प्रमुख बंदरगाहों के साथ रेलवे माल कॉरिडोर को एकीकृत करने और राज्य में रख-रखाव और इंजीनियरिंग परियोजनाओं को स्थापित करने की आगे संभावना है।

पेट्रोलियम क्षेत्र के निवेशों के बारे में श्री प्रधान ने कहा कि तेल और गैस क्षेत्र में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों ने ओडिशा राज्य में कई इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े निवेशों की शुरुआत की है जिनमें तेल शोधन, गैस पाइपलाइन ढांचा, विपणन बुनियादी ढांचे और शहर के गैस वितरण नेटवर्क शामिल हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के विचारों को व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य न सिर्फ धन सृजक होने की भूमिका निभाए बल्कि धन सृजन के लिए नीति तय करने में भी अहम योगदान दे।

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