केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग ने ‘एक जिला एक उत्पाद’ विषय पर देशव्यापी जागरुकता अभियान की आज लखनऊ से शुरुआत की। पत्र सूचना कार्यालय(पीआईबी) के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में कारीगरों,विक्रेताओं तथा लाभार्थियों के साथ ओडीओपी की टीम ने संवाद स्थापित किया जिसमें कारीगर तथा उत्पादकों ने अपने उत्पादों ,सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जा रही सहायता तथा मार्गदर्शन के बारे में विचार साझा किये।
श्री मनोज चौरसिया, उपायुक्त जिला उद्दोग केंद्र लखनऊ ने इस अवसर पर बताया कि एक जिला एक उत्पाद के संवर्धन तथा इसे लोगों के बीच लोकप्रिय बनाने के लिये सरकार द्वारा विभिन्न योजनायें तथा कार्यक्रम चालू किये गये है जिसमें ओडीओपी प्रशिक्षण एवं टूल किट योजना, ओडीओपी वित्त पोषण सहायता योजना ,ओडीओपी विपणन सहायता योजना ,ओडीओपी सामान्य सुविधा केंद योजना तथा ओडीओपी ई- कामर्स पोर्टल लांच कार्यक्रम शामिल है। उन्होंने कहा कि अलग अलग ई-कामर्स वेबसाईट पर अब तक 20 हजार से भी अधिक ओडीओपी उत्पदों का क्रय विक्रय हो रहा है।श्री चौरसिया ने कहा कि ओडीओपी उत्पदों हेतु QCI के सहयोग से ओडीओपी उत्पादों का मानकीकरण किया जा रहा है।
श्रीमती जिगिषा तिवारी, प्रबंधक,ओडीओपी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत पूरे देश के हर एक जिले से वहां के अद्दितीय उत्पाद को चुना गया है और वहां के विक्रेताओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि वह अपना उत्पाद वैश्विक स्तर पर बेंचकप लाभान्वित हो सके। इस क्रम में देश के 765 जिलों से कुल 1072 उत्पाद का चुनाव राज्यों द्वारा किया गया है जिसमें उतर प्रदेश के 75 जिलों के 99 उत्पाद शामिल हैं जिसमें लखनऊ की चिकनकारी,बरेली की ज़री,बनारस का सिल्क,आजमगढ की ब्लैक पाटरी ,भदोही की कारपेट,अयोध्या का गुड़ ,फिरोजबाद की ग्लासवेयर इत्यादि शामिल हैं। इस योजना के तहत ओडीओपी अपने व्रिकेताओं को गुणवत्ता और उत्पाद क्षमता में बढावा देने के लिये कार्यशाला आयोजित कर रही है।साथ ही सरकार की कोशिश है कि सभी ओडीओपी उत्पाद जेम पर अवश्य उपलब्ध हो जिससे छोटे से छोटा व्यापारी भी लाभान्वित हो सके।
पत्र सूचना कार्यालय के अपरमहानिदेश श्री विजय कुमार ने कहा कि ओडीओपी अभियान अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थानीय उत्पादों की ब्रांड इमेज को बढ़ावा देगा, जिसके परिणामस्वरूप “मेक इन इंडिया” और “मेक फॉर वर्ल्ड” के प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि इन उत्पादों में से प्रत्येक पर अपनी प्रतिक्रिया साझा करने का भी अनुरोध किया ताकि इनमें निरंतर सुधार सुनिश्चित किया जा सके जिससे ये उत्पाद वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें।
पत्र सूचना कार्यालय के उपनिदेशक डा.एम एस यादव ने कारीगरों को संबोधित करते हुये कहा कि देश को पहले से विरासत में मिले परंपरागत कला, कौशल को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए शुरू ओडीओपी योजना ने स्थानीय शिल्पकारों और अन्य उत्पादों निर्माताओं को तरक्की की नई उड़ान दी है। कार्यक्रम में शिरकत करने आयी चिकन कारीगर श्रीमती रुबी फातिमा ने कहा कि ओडोओपी ने उनके व्यापार को नई उड़ान दी है और आज उन्होंने सरकार की मदद से मिले लोन से व्यापार विस्तार कर 200 लोगों को रोजगार दिया है।कार्यक्रम में अन्य कारीगरों ने भी अपने सुखद अनुभव साझा किये।कार्यक्रम का संचालन पीआईबी के मीडिया एवं संचार अधिकारी श्री सुन्दरम चौरसिया और समन्यवन ओडीओपी के दीपांगना और हार्दिक सिंह ने किया.