लखनऊ: समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि अच्छे
दिनों की उम्मीद पालकर जिन्होंने भाजपा को केन्द्र सरकार में बिठाया था, वे अब अपने निर्णय पर पछता रहे हैं। केन्द्र की सरकार बने दो साल हो रहे हैं, आम जनता को कोई राहत नही मिली। महंगाई घटने के बजाय बढ़ती गई है। खाद्य पदार्थो के भाव आसमान छू रहे हैं। ईंधन के दामों में उतार चढ़ाव हैरानी पैदा करते हैं। कालाधन वापस आने की भी उम्मीदें दूर रही है। नौजवान बेराजगारी की मार झेल रहे हैं।
भाजपा के शासनकाल में हर दिशा में गिरावट आंकी जा रही है। उसके राजनीतिक निर्णयांे पर गहरे विवाद पैदा हुए हैं। आर्थिक नीतियाँ भी असफल साबित हो रही है। घरेलू अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। कभी मेक इन इंडिया तो कभी स्टार्ट अप इंडिया और कभी स्वच्छ भारत जैसे अभियान चलाकर जनता को भ्रमित करने की कोशिशें हो रही है। भाजपा की केन्द्र सरकार में लगातार सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने का काम हुआ है जिसका देशभर में विरोध जारी है।
खुद सरकारी आंकड़े ही बताते है कि केन्द्र की भाजपा सरकार में देश की प्रगति अवरुद्ध हुई है। वाणिज्य मंत्रालय की 15 मार्च को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015 में निर्यात में वर्ष 2014 की तुलना में 20 फीसद कमी आई है। बेरोजगारी के आंकड़े भी बढ़े है। इनमें केवल 3.5 फीसद युवा ही हुनरमंद है। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की दशा और भी बदतर है। एक रिपोर्ट के अनुसार शहरी इलाकों में रोजगार वृद्धि दर महज 3.4 फीसद है जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 1.7 फीसदी है। ऐसे में समझा जा सकता है कि नौजवानों को रोजगार देने या हुनरमंद बनाने का प्रशिक्षण दिये जाने के पीछे कितना बड़ा झूठ चल रहा है।
हाल ही में प्रकाशित औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आई0आई0टी0) के अनुसार जनवरी 2016 में औद्योगिक उत्पादन में 1.6 फीसद की गिरावट आई है। इसके अतिरिक्त साल के पहले 10 महीनों में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि घटकर 2.7 फीसद रह गई है, विशेषज्ञ मानते है कि औद्योगिक उत्पादन में सुधार की अभी कोई संभावना नही है। रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया के अनुसार वर्ष 2010-11 में जो कारोबारी निवेश 3.8 लाख करोड़ रुपये था, वह गिरकर वर्ष 2014-15 में 1.93 लाख करोड़ तक पहुँच गया है। चालू वित्त वर्ष में इसमें और गिरावट संभावित है।
प्रधानमंत्री जी विश्व भ्रमण कर वाहवाही भले लूट लें घरेलू स्तर पर उनसे और उनकी सरकार से तेजी से जनता का मोहभंग हो रहा है। झूठंे वादों की कलई खुलने लगी है। उत्तर प्रदेश से 73 सांसद भाजपा के चुने गए लेकिन उन्हें राज्य के विकास से कोई वास्ता नही है। प्रदेश के विकास की चिंता मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव कर रहे है। जैसे-जैसे समाजवादी सरकार में प्रदेश का तेजी से विकास होता जा रहा है वैसे-वैसे केन्द्र सरकार की चिढ़ भी सामने आती जाती है। भाजपा की केन्द्र सरकार से सहयोग मिलना तो दूर उल्टे उत्तर प्रदेश के विकास के प्रति उपेक्षापूर्ण बर्ताव किया जा रहा है।