नई दिल्ली: भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के 72वें बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद से मुलाकात की।
आईआरएस प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। आने वाले वर्षों में इसकी जीडीपी दुगुना से ज्यादा होने की उम्मीद है। इससे चौतरफा संभावनाओं का सृजन होगा। उन्होंने कहा कि इससे कर राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी और राजस्व अधिकारियों की चुनौतियां बढ़ जाएंगी। उन्हें देश के आर्थिक साधन को सुगम बनाने में चुनौतियों से निपटने की जरूरत पड़ेगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि हाल के वर्षों में सरकार ने वित्तीय व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए कई कदम उठाए हैं और काले धन के खतरे पर भी अंकुश लगाया है। काले धन से लड़ाई में आईआरएस अधिकारी अग्रणी सैनिक हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि नोटबंदी, आय घोषणा योजना और बेनामी संपत्ति निषेध कानून में संशोधन जैसे कदम हमारी अर्थव्यवस्था को और पारदर्शी बनाने के प्रति लोगों और सरकार की इच्छा-शक्ति को दर्शाता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आम आदमी को लोकसेवकों खासकर आईआरएस अधिकारियों से काफी उम्मीदें हैं। उन्होंने कहा कि ये अधिकारी सरकार और नागरिकों के बीच प्रमुख कड़ी हैं। राष्ट्रपति ने अधिकारियों से कहा कि वे यह न भूलें कि आम लोगों से ही उन्हें उनकी सेवा करने की शक्ति और अधिकार मिलते हैं।