उत्तर प्रदेश के परिवन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने वाले एसे सभी वाहनों की फिटनेस, परमिट, बीमा, प्रदूषण इत्यादि की वैद्यता की जांच की जाये। स्कूली बच्चों का सुरक्षित आवा-गमन सुनिश्चित करना प्रदेश सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। इसके लिए 08 जुलाई से स्कूली वाहनों के खिलाफ अभियान चलाया जाये।
परिवहन मंत्री ने बताया कि मा0 मुख्यमंत्री द्वारा निर्देश प्राप्त है कि स्कूलों मे संचालित वाहनों की जनपदवार सूची परिवहन विभाग तैयार करें। पंजीकृत स्कूली वाहनों का सत्यापन परिवहन विभाग के अधिकारी सूनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिये कि फिट तथा अनफिट वाहनों की अलग-अलग सूची तैयार कर स्कूल प्रबधकों एवं वाहन स्वामियों के साथ बैठक कर मानक के अनुरूप संचालन सूनिश्चित कराये।
परिवहन मंत्री ने बताया कि जानकारी मिली है कि प्रदेश के अधिकाशं जनपदों में मानकों के विपरीत बिना फिट्नेस या स्कूल के नाम बिना पंजीकृत/अनुबंधित स्कूल वाहनों का संचालन किया जा रहा। मारूती वैन, मैजिक, आटों, ई-रिक्शा में बच्चों को विद्यालयों एवं अभिभावकों की सहमती से स्कूल भेजा जा रहा है, जो कि मोटर यान नियमावली का उल्लंघन है। ऐसे लोगों के खिलाफ प्रर्वतन दल अभियान चला कर कार्यवाही सुनिश्चित करें।
उŸार प्रदेश के परिवहन आयुक्त श्री चंद्रभूषण सिंह ने बताया कि परिवहन मंत्री द्वारा दिये गये निर्देशों का सत- प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रवर्तन से जुड़े सभी अधिकारियों को 08 जुलाई से अभियान चलाने हेतु निर्देशित किया जा चुका है। लगभग 01 पखवाड़ा तक स्कूली वाहनों की फिट्नेस परमिट आदि की जांच अभियान चलाया जायेगा और नियम विरूद्ध संचालित वाहनों के खिलाफ कार्यवाई सुनिश्चित की जायेगी।