भारतीय महिला क्रिकेट टीम के साथ अपनी दूसरी पारी का आगाज करने जा रहे मुख्य कोच रमेश पवार ने मंगलवार को कहा कि उनके दिमाग में कोई लक्ष्य नहीं है और केवल यही चाहते है कि उनके खिलाड़ी हर मैच के साथ सुधार करें। पवार की पहली परीक्षा इंग्लैंड के दौरे पर होगी जहां मिताली राज की अगुवाई में टीम को सात साल के बाद पहला टेस्ट मैच खेलना है। पवार ने कहा कि सच कहूं तो मेरे दिमाग में कोई लक्ष्य नहीं है। मैं बस यही चाहता हूं कि वे अपने खेल में और बेहतर करें। आप नाम कमाने और लक्ष्य हासिल करने के लिए नहीं जाते हैं। यह सही समय पर अपने आप हो जाता है।
पवार को हाल ही में दोबारा महिला टीम का कोच नियुक्त किया गया है। वह 2018 में भी इस टीम के कोच थे लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ टी20 विश्व कप के दौरान कप्तान मिताली से मतभेद होने के बाद उन्हें हटा दिया गया था। कप्तान और कोच, दोनों ने हालांकि कहा है कि उन्होंने अपने मतभेद को पीछे छोड़ दिया है। भारतीय महिला टीम लंबे समय के बाद टेस्ट खेलेगी लेकिन पवार को भरोसा है कि खिलाड़ी आश्चर्यचकित करने वाला प्रदर्शन करेंगे।
उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से मैं चाहूंगा कि पूरी दुनिया में और अधिक टेस्ट हो, लेकिन यह एक अच्छी शुरुआत है। आइए एक-एक कदम कर के आगे बढ़ाए। यह एक नए प्रारूप की तरह है, जो पिछले 10 वर्षों से लगातार नहीं खेला गया है। हमें इंतजार करना चाहिए और देखना चाहिए कि कैसा करते है। आपको आश्चर्य हो सकता है, मुझे लगता है कि वे (खिलाड़ी) अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
पवार ने कहा कि जहां तक टेस्ट क्रिकेट की बात है तो वह प्रक्रिया पर ध्यान दे रहे हैं। मुझे लगता है कि हम लंबे समय के बाद खेल रहे हैं और हमें बेहतर क्रिकेट खेलने के लिए प्रक्रिया पर ध्यान देने की जरूरत है। हम सकारात्मक माहौल को बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हां टेस्ट क्रिकेट के बारे में अनुभव कम है लेकिन धीरे-धीरे और तेजी से हम चीजों को आगे बढ़ाएंगे।
पवार के मुताबिक खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेट के लिए खेल में बदलाव करने की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि बल्लेबाजों को शरीर के करीब बल्ला रख कर खेलना होगा और धैर्य दिखाना होगा जबकि गेंदबाजों को स्विंग पर नियंत्रण करना होगा। पवार के साथ पूर्व भारतीय बल्लेबाज शिव सुंदर दास और अभय शर्मा टीम के सहयोगी सदस्य होंगे।