देहरादून: मुख्य सचिव एन. रविशंकर की अध्यक्षता में शुक्रवार को केबिनेट कमेटी आॅन इंफास्ट्रक्चर (सीसीआई) के प्रोजेक्ट मानिटरिंग ग्रुप(पीएमजी) की बैठक हुई। केन्द्रीय कैबिनेट सचिवालय के अधिकारियों के साथ हुईइस बैठक में अवस्थापना से जुड़ी प्रमुख परियोजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही दिक्कतों को दूर करने के निर्देश दिये गये।
चमोली जनपद में बन रही 444 मेगावाट की विष्णुगाड पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना में दुर्गापुर गांव में आ रही समस्या पर विचार-विमर्श किया गया। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी चमोली को निर्देश दिया कि टीएचडीसी के अधिकारियों के साथ गांव वालों से वार्ता करें। उन्हें भरोसा दिलायें कि सुरंग के बाहरी हिस्से से यदि कोई क्षति होती है तो उसका मुआवजा टीएचडीसी देगी। साथ ही दुर्गापुर गांव का बीमा भी कराया जाय। लोकल एरिया डेवलपमेंट फंड (एलएडीएफ) से गांव में विकास के कार्य भी कराये जांय।
बैठक में 660 मेगावाट की किसाऊ बहुउद्देशीय जल विद्युत परियोजना के बारे में भी चर्चा हुई। उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश के मध्य संयुक्त उपक्रम बनाया जाना है। पीएमओ में दोनों राज्यों के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में इसे राष्ट्रीय परियोजना माना गया था। क्योकि इससे 5 राज्यों को सिंचाई और पेयजल की सुविधा मिलेगी। यह भी तय हुआ था कि दोनेा राज्य संयुक्त उपक्रम बनाने का एमओयू करें। उत्तराखण्ड के लगातार प्रयास करने के बाद भी अभी तक एमओयू पर हस्ताक्षर नहीं हो सका। केन्द्रीय कैबिनेट सचिवालय के संयुक्त सचिव डाॅ. जाॅय ने हिमाचल प्रदेश के अधिकारियों से कहा कि जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय लेकर ज्वाइंट बेंचर बनायें।
मुजफ्फनगर-हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग में मुजफ्फनगर के सिसौना, बरला और छपार गांव की भूमि को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को हस्तांतरित करना हैं। इन गांवों के भूमि का 90 प्रतिशत मुआवजा दिया जा चुका है। भारत सरकार के संयुक्त सचिव ने उत्तर प्रदेश से आये अधिकारियों से कहा कि जून तक हर हाल में एनएचएआई को भूमि का कब्जा दिला दें। हरिद्वार-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग के कार्य में तेजी लाने के लिए मुख्य सचिव ने एनएचएआई के अधिकारियों को दिये। उन्होने लोनिवि से कहा कि एचएचएआई के इंजीनियरों के साथ देहरादून से हरिद्वार तक की सड़क का निरीक्षण करें। जहां भी सड़क की स्थित खराब हैं उसे एक हफ्ते के अंदर दुरूस्त करायें।
बैठक मे अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव नियोजन एस रामास्वामी, प्रमुख सचिव वन रणवीर सिंह, सचिव उर्जा उमाकांत पंवार, सचिव शहरी विकास डीएस गब्र्याल, सचिव लोनिवि अमित नेगी, अनुसचिव कैबिनेट सचिवालय भारत सरकार डीसी बिजल्वाण सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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