देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर बधाई देते हुए कहा है कि भारत में मातृ-शक्ति की प्रतिष्ठा सदा से रही है। राज्य के
सामाजिक, आर्थिक ताने-बाने का आधार मातृशक्ति है। सामाजिक, आर्थिक सहित सभी क्षेत्रों में महिलाओं ने आज के बदलते समय के साथ अपनी पहचान बनाई है। आज के युग में लैंगिक भेदभाव को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन में यहां की मातृशक्ति की अहम भूमिका रही है। इसके साथ ही अनेक जन आंदोलनों में भी उत्तराखण्ड की महिलाओं ने अपना योगदान दिया है। राज्य में बदलाव महिलाओं की सहभागिता से ही लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण के प्रति वचनबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मातृ शक्ति को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए अनेक योजनाएं व कार्यक्रम शुरू किये गये है। राज्य सरकार ने लडकी के पैदा होते ही कन्याधन योजना, स्कूल के लिए गौरा देवी कन्याधन योजना, शादी व्याह आदि के लिए कई योजनाओं सहित गर्भवती महिलाओं के लिए पोष्टाहार योजना, 60 वर्ष से अधिक की वृद्वाओं के लिए टेकहोम राशन तथा मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ के तहत यात्रा प्रारम्भ की है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री महिला सत्त आजीविका योजना, खिलती कलियाॅं योजना, गोद भराई योजना, तीलू रौतेली विशेष पेंशन योजना और गंगा गाय महिला डेयरी योजना सहित अन्य योजनाएं शामिल है।