15.1 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

अमावस्या की काली रात में मां काली विचरण करने निकलती है..

अध्यात्म

कार्तिक अमावस्या की अर्ध्यरात्रि में महानिशीथ काल में राजधानी के दो प्रमुख बड़े काली मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना में शामिल होने मां काली के भक्त पहुंचेंगे। ऐसी मान्यता है कि अमावस्या की काली रात में मां काली विचरण करने निकलती है और उनकी आराधना में रत भक्तों की मनोकामना पूरी करती हैं। महानिशीथ काल में पूजा करने से घर-परिवार में समृद्धि का वास होता है। इस बार अमावस्या तिथि दो दिन पड़ने से किसी मंदिर में संपूर्ण रात्रि में पड़ रही अमावस्या में पूजा होगी तो किसी मंदिर में अगले दिन दीपावली पर अमावस्या पूजा की जाएगी।

रखिया-गन्ना-केला की बलि

बंगाली कालीबाड़ी समिति द्वारा संचालित मशहूर कालीबाड़ी मंदिर के प्रभारी उदय शंकर गांगुली बताते हैं कि मंदिर में लगभग 100 साल से कार्तिक अमावस्या पर महाकाली पूजा की जा रही है। इस बार 6 नवंबर की रात्रि 10 बजकर 46 मिनट से अमावस्या तिथि शुरू हो रही है। रात्रि 11 से 12.30 बजे तक मां काली का आह्वान एवं विशेष पूजा की जाएगी। 12.30 से 1 बजे तक मां काली को बलि देने की रस्म निभाई जाएगी। यहां पशु बलि नहीं दी जाती बल्कि रखिया, गन्ना और केला की बलि देंगे।

फूल-बेलपत्तों से अंजलि देंगे भक्त

दिनभर व्रत रखने वाले मां काली के भक्त पूजा के पश्चात फूल और बेलपत्तों से अंजलि देंगे।

पट बंद कर लगाएंगे खीर, पूड़ी का भोग

काली बाड़ी में अर्धरात्रि में खीर, पूड़ी का भोग लगाने के दौरान पट बंद करके पुजारी भोग लगाएंगे। इसके बाद हवन होगा और सुबह 4 बजे सहस्त्र दीपों की महाआरती कर प्रसाद वितरण किया जाएगा।

आकाशवाणी काली मंदिर में तीन देवियों की पूजा

आकाशवाणी स्थित काली मंदिर के पुजारी पं.मुन्ना शुक्ला बताते हैं कि यह एकमात्र मंदिर है जहां तीन देवियों की पूजा की जाती है। प्रथम प्रहर सूर्योदय से 12 बजे तक मां सरस्वती की पूजा, मध्या- काल में महालक्ष्मी की पूजा और महानिशीथ काल यानि रात्रि 12 बजे से सूर्योदय तक महाकाली की अलग-अलग सामग्री से षोडशोपचार पूजा होगी।

सतोगुण, रजोगुण-तमोगुण की पूजा

मां सरस्वती की पूजा सतोगुण के रूप में, मां महालक्ष्मी की रजोगुण और मां काली की तमोगुण की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि मां काली में तीनों गुण विद्यमान है।

दीपों से जगमगाएगा मंदिर

पूजा के दौरान मंदिर परिसर में हजारों दीप प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। सैकड़ों श्रद्धालु मंदिर में दीपदान करने आते हैं।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More