देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने स्थानीय पवैलियन ग्राउण्ड में आयोजित राज्य स्थापना दिवस राज्योंत्सव 2016 के अवसर पर 1569 करोड़ की 423 विभिन्न विकास योजना योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया, जिसमें 696 करोड़ रूपये की 220 योजनाओं का शिलान्यास तथा 873 करोड़ रूपये की 203 योजनओं का लोकार्पण शामिल है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत की उपस्थिति में प्रदेश में सस्ती दर पर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने से सम्बन्धित वाटर ए.टी.एम की स्थापना के लिए सहमति पत्र पर श्रीमन्त एक्वापुरम वाटर प्राईवेट लि0 एवं सचिव पेयजल अरविन्द सिंह ह्यांकी के मध्य सहमति पत्र (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किये गये। स्थापित होने वाले वाटर ए.टी.एम पर एक रू0 प्रति लि0 की दर से शुद्ध जल उपलब्ध कराया जायेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि विकास को उत्साह की जरूरत होती है निराशा और नकारात्मकता विकास को अवरूद्ध करती है। हमारा राज्य भी अनेक चुनोतियों का सामना कर आगे बढा है, आज हम विकास की दौड़ में देश के चुनिदां राज्यों में शामिल है, हमें अपनी परम्पराओं को कायम रखते हुए प्रदेश के विकास के लिए निरन्तर आगे बढने की आदत ढालनी होगी। उन्होने कहा कि प्रदेश के विकास में सभी विभागों का बड़ा योगदान एवं सहयोग है, इसी का परिणाम है पिछले वर्ष की तुलना में हम 30 प्रतिशत ज्यादा खर्च करने में सफल में हुए। उन्होने अपेक्षा की कि सभी विभाग गुणवत्ता के साथ विकास योजनाओं को आगे बढायें। उन्होने कहा कि क्षेत्रीय असुंतलन को दूर करने के लिए अब मानकों में बदलाव किया जा रहा है, पहले योजना आयोग के स्तर पर राज्यों के विकास की योजनाओं पर बहस होती थी, लेकिन अब राज्यों को अपने पैरों पर खड़े होने की बात कही जा रही है, अब हमें अपने संशाधनों के संवर्धन पर ध्यान देना है, हम आने वाले वर्षों में साधन संवर्धन वाले राज्य के रूप में आगे बढ सकें, इसके लिए प्रयास किये जा रहे हैं, आज भी हम अपनी चालीस प्रतिशत आबादी के जीवन स्तर में सुधार लाने तथा भूखमरी, क्षेत्रीय सतंुलन, स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास, बेबसी के पलायन को रोकने के प्रयासों में जुटे हैं, हमने सामाजिक दायरे की पेंशनो को बढाया है खेती का कार्य करने वाली महिलाओं को मनरेगा से जोड़कर उनकी अर्थिकी में सुधार लाने का प्रयास किया है, हमारा संकल्प है कि सभी के हाथों में पूंजी हो तथा विकास का लाभ समाज के सभी वर्गों तक पंहुचे। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा 2018 तक प्रदेश के सभी गावों को सड़क से जोड़ दिया जायेगा, जबकि देश में यह लक्ष्य 2020 तक का है। वर्तमान में 1 हजार सड़कों पर कार्य किया जा रहा है, हमारा यह भी प्रयास है कि हमारी इंजीनियरिंग संस्थाएं मजबूत हों, हमारा अपना ब्रिज, रोपवे कार्पोरेशन, रिवर डेवलपमैन्ट कार्पोरेशन आदि हों, सिंचाई के लिए हम ओर अधिक कार्य करें इसके लिए इंजीनियरिंग से जुड़े विभागों को आगे आना होगा तथा इसकी कार्य योजना पर ध्यान देना होगा ताकि हमारी निर्भरता बाहरी संस्थानों पर कम से कम हो।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जल संबर्धन के क्षेत्र में भी हमारे प्रयास जारी है, इसके लिये नीति का भी निर्धारण कर दिया गया है, हमारा लक्ष्य प्रदेश में 05 हजार प्राकृतिक जल श्रोतों को पुनर्जीवित करने है। उन्होंने कहा कि यदि हम वर्षा एवं हिमालय के जल का 20 प्रतिशत पानी भी रेाकने में सफल हो सके, तो हमारे पारम्परिक जल श्रोत विकसित होने के साथ ही नदियों में पानी की मात्रा बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि पानी को हमें अपनी ताकत बनाना है। भविष्य में उसी की पूछ होगी, जिसके पास जल होगा। हमारा प्रयास प्रदेशवसियों को गुणवत्ता युक्त शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना है। दीर्घ जीवन के लिये शुद्ध पानी जरूरी है।
इस अवसर पर पेयजल मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में विधायक एवं सभा सचिव राजकुमार, फुरकान अहमद, प्रो. जीतराम, ममता राकेश, विधायक हीरा सिंह बिष्ट, अध्यक्ष महिला आयोग सरोजनी कैंतुरा, दायित्यधारी रामकुमार वालिया, राजेन्द्र शाह, सचिव डीएस गब्र्याल, अरविन्द सिंह ह्यांकी के साथ ही पेयजल, लोनिवि, विद्युत विभाग के अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।