देहरादून: राज्य कर विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा ”Taxation of Services under GST” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गयी, जिसमें मुख्य वक्ता श्री बिमल जैन, प्रख्यात चार्टेड अकाउन्टेन्ट द्वारा संबंधित विषय पर व्याख्यान दिया गया। कार्यशाला आई0आर0डी0टी0 परिसर, देहरादून में प्रातः 10ः00 बजे से प्रारम्भ की गई। कार्यशाला का शुभारम्भ वित्त मंत्री, श्री प्रकाश पंत जी द्वारा किया गया ।
कैबिनेट मंत्री श्री पंत द्वारा अपने उद्बोधन में बताया गया कि गंत्तव्य आधारित नवीन कर प्रणाली को लागू करने के अथक प्रयास में राज्य अधिकारियों कर्मचारियों के अथक प्रयासों से हमने 90 प्रतिशत राजस्व वृृद्वि दर्ज की किन्तु राज्य के निर्माण ईकाईयों के निर्यात उन्नमुख होेने के कारण इस बढ़े हुए राजस्व का लाभ राज्य को नहीं मिल पाया जिस कारण सेवा के क्षेत्र पर फोकस बढाने के उद्देश्य से मुख्य रूप पर्यटन, स्वास्थ्य तथा डिजीटल सेवा क्षेत्र में प्रयास बढ़ाने हेतु इनवेस्टर सम्मिट आयोजित करने के साथ-साथ कई प्रकार के प्रोत्साहन देने के साथ एकल खिड़की सुविधा के तहत उत्तराखण्ड को बेहतर निवेश के गंत्वय स्थल के रूप में स्थापित करने का प्रयास जारी है। उत्तराखण्ड की 1 करोड़ जनसंख्या है एवं प्रतिवर्ष लगभग 3 करोड़ पर्यटक प्रतिवर्ष यहां आते हैं, इसलिए सेवा क्षेत्र में नये श्रोतों को तलाशने की आवश्यकता है। इस उद्देश्य से हिताधिकारियों, उद्यमियों एवं व्यापारी वर्ग को समय-समय पर जागरूक बनाने एवं उनके जी0एस0टी0 संबंधी ज्ञान संवर्धन हेतु विभाग द्वारा लगातार कार्यशाला आयोजित की जाती रही हैं। उसी कड़ी में ईज आॅफ डूइिंग बिजनेस में बतौर हिमालयी राज्य उत्तराखण्ड का प्रथम स्थान है। सेवा क्षेत्र को बढ़ावा देने हेतु लैण्ड यूज कन्वर्सन की प्रक्रिया को सरलीकृत किया गया है एवं प्रयास किये जा रहे हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर भी ईज आॅफ डूइिंग बिजनेस में उत्तराखण्ड अग्रणी स्थान प्राप्त कर सके।
जी0एस0टी0 को एक नए युग की शुरूआत बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि स्वतत्रंता के बाद आर्थिक आजादी की ओर बढते हुए देश में किसी भी नयी व्यवस्था को लागू करने में शुरूआती कठिनाईयंा आती हैं तथा साथ ही समस्याओं का समाधान भी निकाला जाता है। प्रदेश में जी0एस0टी0 को लागू करने के संबंध में कैबिनेट मंत्री द्वारा राज्य कर विभाग के अधिकारियों विशेषतः मास्टर ट्रेनर्स के योगदान की सराहना की। विभागीय अधिकारियों द्वारा सभी हितधारकों तक जी0एस0टी0 संबंधी जानकारियों तथा बारीकियों को पहुंचाने का उल्लेखनीय कार्य किया गया। उन्होंने उम्मीद जतायी कि आगामी 01 अप्रैल 2019 से सेवा क्षेत्र में 50 लाख तक के सालाना टर्नओवर तक के कारोबारियों के लिए आरम्भ होने जा रही समाधान योजना से कर राजस्व बढ़ाने में काफी सहायता मिलेगी।
हिताधिकारियों, उद्यमंी एवं व्यापारी वर्ग के मार्गदर्शन हेतु तथा अधिकारियों की Capacity builiding हेतु आयोजित उक्त कार्याशाला में पूर्वाह्न में राज्य कर अधिकारियों के अतिरिक्त केन्द्रीय जी0एस0टी0 के अधिकारियों द्वारा भी प्रतिभाग किया गया। अपराह्न का सत्र विभिन्न Stakeholders यथा उद्योग एवं व्यापारी वर्ग की awareness एवं जी0एस0टी0 के संदर्भ में उन्हें अद्यावधिक जानकारी देने के लिये आयोजित किया गया ताकि वे अपनी जी0एस0टी0 संबंधी जिम्मेदारियों का समुचित निर्वहन कर सकें। कार्यशाला में नई जी0एस0टी0 Return के बारे में भी विस्तार से बताया गया।
व्याख्यान कर्ता श्री बिमल जैन द्वारा उत्तराखण्ड के परिप्रेक्ष्य में पर्यटन, आॅनलाइन सर्विसेस, प्रस्तावित कम्पोजिशन योजना, उपभोक्ताओं द्वारा प्रान्त बाहर से उत्तरखण्ड में आयात किये जा रहे माल से राज्य को आई0जी0एस0टी0 के माध्यम से प्राप्त होने वाले एस0जी0एस0टी0 की संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला गया।