लखनऊः प्रदेश के ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा óोत मंत्री श्री श्रीकांत शर्मा ने आज विश्व ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर यूपीनेडा के मुख्यालय पर स्थापित 40 कि0वाट के रूफटाॅप सौर ऊर्जा संयंत्र का लोकार्पण किया। उन्होंने इस अवसर पर ऊर्जा संरक्षण के लिए मोबाइल ऐप नचेंअमेमदमतहल का भी शुभारम्भ किया। उन्होंने 14 दिसम्बर, 2020 से 13 जनवरी, 2021 तक चलने वाले ऊर्जा संरक्षण माह का शुभारम्भ वर्चुअल माध्यम से किया। उन्होंने ऊर्जा संरक्षण माह में छात्रों के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का भी शुभारम्भ किया इस प्रतियोगिता में क्विज, इनोवेेशन इन एनर्जी कन्जर्वेशन, लोगो डिज़ाईन, मोबाइल एप शेयरिंग एण्ड डाउनलोडिंग तथा विद्यार्थियों हेतु पेन्टिंग कम्पटीशन शामिल हैं।
ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा óोत मंत्री श्री शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश में ऊर्जा संरक्षण कार्यों को बढ़ाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। पर्यावरण संरक्षण से आने वाली पीढ़ी के स्वास्थ्य को बचाया जा सकता है। डीजल/पेट्रोल से चालित वाहनों का उपयोग कम कर प्रदूषण को नियंत्रित कर सकते हैं। प्रदूषण को खत्म करने के लिए यूरोप व पश्चिम के कई देश 2030 तक ऐसे वाहनों पर प्रतिबन्ध लगा रहे हैं। प्रदेश में भी डीजल एवं पेट्रोल चालित वाहनों पर धीरे-धीरे कटौती कर बैटरी चालित वाहनों को बढ़ावा दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में पूरा विश्व आज भारत का अनुसरण कर रहा है।
श्री शर्मा ने कहा कि ऊर्जा संरक्षण कार्यक्रम को व्यापक रूप से सफल बनाने के लिए प्रत्येक स्कूल में जागरूकता कार्यक्रम कराये जाएं। बच्चों को डीजल, पेट्रोल एवं बिजली बचाने की सीख दी जाय। स्कूल के बच्चे हमारी ऊर्जा संरक्षण के प्रचार-प्रसार के लिए ब्रान्ड एम्बेसडर बनेंगे। बच्चों के योगदान से बिजली एवं पर्यावरण बचाने में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी स्कूलों में शिक्षा अधिकारियों की मदद से ऊर्जा संरक्षण कैम्पेन चलाये जाएं तथा 14 दिसम्बर, 2021 तक सभी प्राथमिक स्कूलों को ऊर्जा संरक्षण कार्यक्रम से जोड़ा जाय।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली बचाने में उजाला योजना का बहुत बड़ा योगदान रहा। इसके तहत देशभर में अब तक 36.68 करोड़ एलईडी बल्ब वितरित किये गये, जिससे सालाना 47,640 मिलियन यूनिट बिजली की बचत हुई तथा 19,056 करोड़ रूपए की बचत के साथ पीक आवर्स में 9,538 मेगावाट बिजली की मांग भी कम हुई। इसी प्रकार प्रदेश में अब तक 2.6237 करोड़ एलईडी बल्ब बांटे गये, जिससे सालाना 3407 मिलीयन यूनिट बिजली और 1363 करोड़ रूपए की बचत हुई। इससे पीक आवर्स में 682 मेगावाट बिजली की मांग भी घटी है। उन्होंने कहा कि उजाला योजना के तहत बिजली की कम खपत वाले उपकरणों से बिजली बचाकर एक ओर जहां गरीब का घर रोशन हुआ वहीं देश में सालाना 3.85 करोड़ टन तथा प्रदेश में 27.59 लाख टन कार्बन डाई आॅक्साइड के उत्सर्जन में कमी आई है।
अतिरिक्त ऊर्जा óोत मंत्री ने इस अवसर पर यूपीएसडीए की वेबसाइट के माध्यम से प्रदेश में ऊर्जा संरक्षण अवार्ड-2020 के विभिन्न श्रेणियों के विजेताओं की वर्चुअल घोषणा की। इसमें इण्टरमीडिएट तक के 06 स्कूल तथा विभिन्न उद्योगों एवं भवनों के 08 सेक्टर के 21 विजेता शामिल हैं। पैट कार्यक्रम के तहत सर्वाधिक ऊर्जा बचत करने वाले 05 उद्योगों एवं संस्थानों तथा विद्युत हानियां कम करने वाले पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम तथा केस्कों को भी पुरस्कृत किया।
अपर मुख्य सचिव ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा óोत श्री अरविन्द कुमार ने कहा कि अब ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने का समय है। अतिरिक्त ऊर्जा óोतों का विद्युत उत्पादन में अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए। सौर ऊर्जा को बैटरी में स्टोर कर रात्रि में इसका अधिकतम उपयोग किया जा सके, इसके प्रयास किये जा रहे हैं। अब ऊर्जा उपभोग पर भी काफी सुधार हुआ है। उपभोक्ता कम ऊर्जा खपत वाले उपकरण खरीद रहे हैं। उन्होंने कहा कि टाइम आॅफ डे टैरिफ को नोटिफाई किया गया है इसके अनुसार दिन में एलएमवी-6 एवं एमएमवी-2 के उपभोक्ताओं को दिन के टैरिफ में 15 प्रतिशत की छूट दी जायेगी। उन्होंने कहा कि कृषकों के सामान्य पम्पसेटों को ऊर्जा दक्ष पम्प सेट से परिवर्तित किये जाने की कार्यवाही की जा रही है।
निदेशक यूपीनेडा श्री भवानी सिंह खंगरौत ने बताया कि यूपीएसडीए द्वारा प्रदेश के सभी डिस्काॅम हेतु डीएसएम प्लान बनाया गया है तथा प्रदेश की ऊर्जा संरक्षण पाॅलिसी तैयार की गयी है। उन्होंने बताया कि भवनों में ऊर्जा की बचत के लिए राजकीय निर्माण निगम तथा लखनऊ विकास प्राधिकरण के साथ ईसीबीसी कोड लागू करने हेतु एमओयू हस्ताक्षरित किया गया है। सचिव यूपीनेडा श्री अनिल कुमार ने कहा कि ऊर्जा संरक्षण दिवस हमें ऊर्जा संरक्षण के उपायों को उपयोग में लाने की प्रेरणा देता है। उन्होंने बताया कि यूपीनेडा को सीम इण्डिया द्वारा एसडीए श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ अवार्ड तथा ब्यूरो आॅफ एनर्जी एफिशिएन्सी द्वारा 2019 में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार के तहत सर्टिफिकेट आॅफ मेरिट अवार्ड दिया गया।