देहरादून: विश्व हृदय दिवस, 2021 से पहले, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, देहरादून ने जनता को स्वस्थ जीवन शैली के प्रति प्रेरित करने के लिए आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया है। हमारे देश में हर साल कार्डियोवैस्कुलर बीमारी या सीवीडी से 1 करोड़ से अधिक लोगों की मौत होती है। यह इवेंट लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने व अपने स्वास्थ्य की देखभाल करने तथा लोगों को हृदय संबंधित समयस्यों के बारे में शिक्षित करने के उद्देश्य से आयोजित की गई, ताकि लोग स्वस्थ हृदय के साथ अच्छा औऱ लंबा जीवन जी सकें। इस बात की ओर ध्यान दिया जाना जरूरी है की असमान जीवन शैली, रोजमर्रा के काम के दौरान होने वाला तनाव और असंतुलित खान-पान हृदय संबंधित बीमारीयों का प्रमुख कारण होता हैं।
कार्यक्रम में बोलते हुए, डॉ प्रीति शर्मा, एसोसिएट डायरेक्टर, कार्डियोलॉजी, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, देहरादून ने कहा, “भारत के 12 शहरों में किए गए एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि,70 प्रतिशत से अधिकभारतीय शहरी आबादी को हृदय रोग से संबंधित खतरा है और उन्हेंडॉक्टर के पास जाने की जरूरत है। इस वर्ष का थीम है – ’विश्व स्तर पर हृदय संबंधित समयस्यों के बारे में जागरूकता फैलाने, बीमारी की रोकथाम और प्रबंधन में सुधार के लिए डिजिटल माध्यम का उपयोग करना’। हार्ट डे मनाने के पीछे का उद्देश्य लोगों को दिल से जुड़ी बीमारियों के प्रति जागरूक करना है। इस वर्ष का थीम हमें अपने साथ विश्व भर के लोगों को इस रोग से बचाव, कारण,लक्षण और बीमारियों से कैसे मुक्त रह सकते हैं, के बारे में में जागरुक करने का संदेश देता हैं। ”
डॉ योगेंद्र सिंह, एसोसिएट डायरेक्टर, कार्डियोलॉजी, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, देहरादून ने आगे कहा, “हृदय रोग (सीवीडी) दुनिया भर में होने वाली मौत का प्रमुख कारण है। सीवीडी के दो सबसे आम प्रकार कोरोनरी हृदय रोग (दिल के दौरे का कारण ) और सेरेब्रोवास्कुलर रोग (स्ट्रोक का कारण) हैं। विकासशील देशों में दुनिया भर के हृदय रोग से पीड़ित मरीजों में से 80þ मरीज पाएं जाते हैं। यह अनुमान लगाया गया है कि,2020 तक चीन में सीवीडी से होने वाली मौतों की संख्या बढ़कर 40 लाख प्रति वर्ष और भारत में लगभग 50 लाख प्रति वर्ष हो गई है। पिछले कुछ वर्षों में, हृदय की समस्याओं से पीड़ित युवा रोगियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। हमारे ओपीडी में हृदय संबंधी समस्याओं सेआने वाले अधिकांश रोगी युवा हैं, और इस बीमारी से उनके पीड़ित होने का मुख्य कारण असमान-जीवनशैली, धूम्रपान, शराब पर निर्भरता, फास्ट-फूड का सेवन और व्यायाम न करने की आदत हैं। जीवनशैली की ये आदतें, जिन्हें अगर प्रारंभिक अवस्था में बदल दिया जाए, तो व्यक्ति के हृदय और स्वास्थ्य पर बहुत बेहतर और अनुकूल प्रभाव पड़ सकता है।”
डॉ पुनीश सदाना, प्रिंसिपल कंसल्टेंट, कार्डियोलॉजी, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, देहरादून ने कहा, “शहरी क्षेत्रों में, 32.8þ मौतें हृदय रोगों के कारण होती हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह प्रतिशत 22.9þ है। यदि सभी आयु समूहों के लोगों को शामिल कर लिया जाएं, तो सभी मौतों का लगभग 19þ कारण हृदय रोगहोता है। यह पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं में भी मौत का प्रमुख कारण है। अस्वस्थ भोजन और व्यायाम की कमी के कारण लोगों का बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर, शरीर में बढ़ा हुआ गलुकोज, बढ़ा हुआ बल्ड लिपिड, और अधिक वजन व मोटापाही हार्ट संबंधित इन बीमारीयों का प्रमुख कारण होता है।“
इस अवसर पर बोलते हुए डॉ रवि कुमार सिंह, सीनियर कंसल्टेंट और हेड-सी टी वी एस ने कहा कि, “लगभग 3 करोड़ भारतीय हृदय रोग से पीड़ित हैं। दिल की बीमारियों का खतरा कोई नया नहीं है। हमारें द्वारा जीवनशैली के लिए चुने गए विकल्प भी हृदय से जुड़ी बीमारियों का कारण बनती है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोरोनरी धमनी रोग, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, मधुमेह और रूमेटिक हृदय रोग के कारण हृदय गति रुकने से बहुत से लोगों की मौत होती है। बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को दिल की बीमारी होने का खतरा होता है। जीवनशैली की आदतों को यदि प्रारंभिक अवस्था में बदल दिया जाए तो यह व्यक्ति के हृदय और स्वास्थ्य पर बहुत ही बेहतर और अनुकूल प्रभाव डाल सकती है।“
मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, देहरादून में सबसे बड़ी और सबसे समर्पित कार्डियोलॉजी टीम 24’7 उपलब्ध रहती है। आपातकालीन प्रक्रियाओं सहित सभी आपात स्थितियों को अनुभवी इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट द्वारा समय पर पूरा किया जाता है। हमारेपास ईआर में एक तुरंत प्रतिक्रिया करने वाली टीम है, जिसे हृदय संबंधित अटैक या स्ट्रोक के समय रोगी को जल्द से जल्द गोल्डन ऑवर (डोर टू बैलून टाइम)के भीतर एक उन्नत कार्डियक एम्बुलेंस में रोगी को स्थानांतरित करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
मैक्स अस्पताल हृदय रोग से संबंधित बीमारीयों के इलाज के लिए एक व्यापक सुविधा प्रदान करता है। सीटीवीएस, कार्डियोलॉजी और आपातकालीन टीम, एक साथ काम करते हुएरोगी को स्थिर करने और रोगी के इलाज के तौर-तरीकों पर विचार करती है। सिंटैक्स 2 और यूरो स्कोरिंग का उपयोग करते हुए, रोगी के उपचार की प्रक्रिया का निर्णय लिया जाता है। दिल की बीमारी के इलाज के लिए दुनिया भर में इस्तेमाल किए जाने वाले ये सबसे व्यवस्थित और वैज्ञानिक दृष्टिकोण हैं। हमारे पास पूरी तरह से उन्नत कार्डियक एम्बुलेंस है, जो सभी हृदय संबंधी आपात स्थितियों को संभालने के लिए पूरी तरह से सुसज्जित है।