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प्राकृतिक आपदा/भूकम्प की सूचना प्राप्त होते ही जनपदीय आपदा कान्ट्रोल रूम से दिशा-निर्देश देतेः जिलाधिकारी रविनाथ रमन

Once notified of natural disaster earthquake disaster district Kantrol room giving directions
उत्तराखंड

देहरादून: राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण भारत सरकार के सहयोग से आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विभाग उत्तराखण्ड शासन के निर्देश पर आज जनपद में प्राकृतिक आपदा/भूकम्प से निपटने की तैयारियों को परखने के लिए आई.आर.एस (इन्सिडेन्ट रेसपोंस सिस्टम) के प्रावधानों के अनुरूप माॅक ड्रिल का आयोजन किया गया।

जनपद को जैसे ही प्रातः 10 बजकर 2 मिनट पर भूकम्प की सूचना मिली कि चमोली जनपद में 7.2 की तीव्रता का भूकम्प आया, जिसका एपीसेन्टर चमोली जनपद के हेलन नामक स्थान पर था तथा इस उच्च तीव्रता के भूकम्प के कारण प्रदेश के अन्य जनपद भी बड़े पैमाने पर प्रभावित हुए, जिसमें जनपद देहरादून में भी शामिल है। भूकम्प की सूचना प्राप्त होते ही जनपद के स्टेजिंग एरिया में सायरन बजना शुरू हुआ , जिसके पश्चात तुरन्त जिला स्तरीय अधिकारी जनपद के आपदा कन्ट्रोल रूम में पंहुचने शुरू हो गये। जिलाधिकारी देहरादून रविनाथ रमन को इसकी सूचना प्रातः 10 बजकर 6 मिनट पर प्राप्त हुई, जिसके पश्चात वे तुरंत जनपद के आपदा कन्ट्रोल रूम पंहुचकर आपदा से निपटने की सम्पूर्ण गतिविधियों की कमान्ड संभालते हुए सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। जनपद को पांच तहसीलों के क्रमों में पांच इन्सिडेंट स्थानों में चिन्हित किया गया, जिसमें एक स्कूल, एक अस्पताल, एक शापिंग काम्लेक्स तथा एक सार्वजनिक भवन चिन्हित किये गये थे। आपदा के कारण मोबाईल से संचार व्यवस्था ठप होने के कारण जनपद स्तरीय सभी अधिकारी वारलेस सेट के माध्यम से सूचना आदान-प्रदान करते रहे तथा पांचो इन्सिडेंट स्थलों पर पांच उप जिलाधिकारी इन्सिडेंट रेसपोंस आफिसर के तौर पर मौके पर पंहुचे जिसके पश्चात उन्होने घटना स्थल के वास्तविक स्थिति से रूबरू हुए। इन्सिडेंट रेसपोंस अधिकारियों ने मौके पर मृतक व्यक्ति, घायल व्यक्तियों, क्षतिग्रस्त भवनों में फंसे व्यक्ति तथा पशु, आंशिक क्षतिग्रस्त भवनों इत्यादि को देखते हुए जनपद के आपदा कन्ट्रोल रूम को तत्काल सूचना देकर पर्याप्त रेसक्यू दल, मेडिकल टीमें तथा अन्य सभी प्रकार से सहायक मानव एवं अन्य संसाधनों की मांग की गयी। इसके पश्चात इन्सिडेंट रेसपोंस अधिकारियों की डिमांड के अनुसार सभी तरह की टीमें बचाव दल, मेडिकल टीमें, सुरक्षा दस्ते, अन्य सम्बन्धित टीमें घटना स्थल पर पंहुच गई साथ ही घटना स्थल पर राहत बचाव कार्य प्रारम्भ करते हुए गम्भीर रूप से घायलों को दून अस्पताल, कोरोनेशन अस्पताल तथा परेड ग्राउण्ड में बनाये गये रिलीफ कैम्प में पंहुचाया गया। समय के साथ-2 घायलों की संख्या बढने के कारण वैकल्पिक रूप से कोरोनेशन, महन्त इन्दिरेश अस्पताल, मैक्स अस्पताल तथा हिमालय इन्सिटीयूट जौली ग्रान्ट को भी आवश्यक बैड रिजर्व रखने के निर्देश दिये गये। माॅक ड्रिल में रेस्क्यू दल में सेना, आई.टी.बी.पी, पी.एस.एसी, पुलिस, फायरमैन, होमगार्ड, पी.आर.डी तथा सम्पूर्ण गतिविधियों की लाईजनिंग तथा अन्य प्रकार की व्यवस्थाओं में विभिन्न जनपदीय सार्वजनिक विभागों एवं सिविल डिफेन्स के कार्मिकों ने प्रतिभाग किया।

माॅक अभ्यास के बाद जिलाधिकारी रविनाथ रमन ने स्टेजिंग प्वांइट परेड ग्राउण्ड में आपदा में लगी सभी टीमों को ब्रिफ करते हुए कहा कि जनपद प्राकृतिक आपदा/भूकम्प के अभ्यास में मोबेलाईजेशन की प्रक्रिया में बहुत सुधार दिखा वहीं कुछ कमियां भी उजागर हुई, जिसमें यह बात सामने आई कि वर्तमान में कम्यूनिकेशन के लिए अधिकतर निर्भरता मोबाईल पर है, जो आपदा के समय प्रभावित हो सकती है अतः सूचना का आदान-प्रदान करने के लिए वायरलेस, सेटेलाईट फोन को मुख्य अस्पतालों, तहसील, विकासखण्डों पर चालू करने की आवश्यकता है, जिससे सूचना के आदान-प्रदान में किसी प्रकार का व्यवधान न हो पाये। इसके पश्चात जिला स्तरीय अधिकारियों की शासन द्वारा किये गये माॅक ड्रिल के सम्बन्ध में एन.आई.सी देहरादून में वीडियों कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से डी-ब्रिफिंग की गयी तथा माॅक अभ्यास के दौरान सामने आई अच्छाई व कमियों को साझा करते हुए भविष्य में उन्हे सुधारने के निर्देश दिये गये।

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