देहरादून: भारत के सबसे बड़े ऑनलाइन कैंसर केयर प्लेटफॉर्म
ओएनसीओ डाॅट काॅम ने आज फाइट केंसर वीथ ओएनसीओ कैम्पेन लॉन्च करने के लिये ‘दिल बेचारा’ फिल्म से डेब्यू करने वाली लोकप्रिय अभिनेत्री संजना सांघी के साथ अपनी भागीदारी की घोषणा की है। यह कैम्पेन इस प्लेटफॉर्म द्वारा आसानी से सुलभ कैंसर की व्यक्तिपरक देखभाल पर जागरूकता पैदा करने के लिये है। इस कैम्पेन के माध्यम से संजना उन चुनौतियों की बात करती हैं, जो कैंसर के रोगियों और उनकी देखभाल करने वालों के सामने कैंसर का पता चलने के बाद आती हैं और यह कि कैसे वरिष्ठ कैंसर विशेषज्ञों के अपने विश्व–स्तरीय नेटवर्क के माध्यम से शुरूआती अवस्था में उपचार पर मार्गदर्शन देता है। इस कैम्पेन के माध्यम से रोगी सर्वश्रेष्ठ कैंसर डॉक्टरों से ऑनलाइन या कॉल पर परामर्श ले सकते हैं, उपचार पर सही मार्गदर्शन के लिये अपॉइंटमेन्ट बुक कर सकते हैं, ऑन्को के डॉक्टरों से जीवनभर सहयोग ले सकते हैं और भारत की सबसे बड़ी कैंसर सपोर्ट कम्युनिटी का हिस्सा बन सकते हैं, ताकि कैंसर से जीतने वालों का मार्गदर्शन ले सकें।
अभिनेत्री संजना सांघी ने अपनी हालिया फिल्म में एक कैंसर रोगी की भूमिका निभाई थी। संजना ने एक कैंसर मरीज की भूमिका को आसानी से निभाकर सभी का दिल जीता। साथ ही इस तथ्य को सामने लेकर आईं कि कैंसर का एक व्यक्ति और उसके प्रियजनों पर कितना बुरा प्रभाव होता है।’’
ओएनसीओ डाॅट काॅम की सीईओ और को–फाउंडर सुश्री राशी जैन ने कहा, ‘‘फिल्म में संजना का किरदार ओएनसीओ डाॅट काॅम के एक युवा रोगी से बहुत मेल खाता है, जो सामान्य जीवन जीना चाहता है, लेकिन रोजाना कैंसर से लड़ भी रहा है। ऐसे लोगों को सही देखभाल और बेहतरी चाहिये। इस फिल्म को देखने के बाद हमें लगा कि संजना हमारे सभी कैंसर रोगियों और उनके परिवारों से अच्छी तरह जुड़ सकती हैं। वह इस पर जागरूकता निर्मित करने में हमारी मदद भी करेंगी कि ओएनसीओ डाॅट काॅम कैसे रोगियों को शीर्ष कैंसर विशेषज्ञों से जोड़कर सही सूचना तक पहुँच देते हुए उनकी मदद कर रहा है और उन्हें ऐसी देखभाल दे रहा है, जिसकी उन्हें जरूरत है। उनके द्वारा ऑन्को का प्रतिनिधित्व किये जाने और हमारे ग्राहकों के साथ हमारा नजरिया साझा किये जाने से हम बहुत रोमांचित हैं।’’
ओएनसीओ डाॅट काॅम के साथ जुड़ने के बारे में संजना ने कहा, ‘‘मैंने एक कैंसर रोगी की भूमिका निभाने और उसकी तैयारी के लिये कैंसर के कई युवा रोगियों और इस बीमारी से जीतने वालों के साथ समय बिताया। तब मुझे पता चला कि सही जानकारी के लिये उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ता है, चाहे वह उपचार के विभिन्न विकल्पों के बारे में हो, या उपचार के संभावित दुष्प्रभावों के बारे में। ऐसे लोग ज्यादा नहीं हैं, जिनसे वे ऐसे प्रश्न पूछ सकें कि ‘आपने इसके साथ कैसे डील किया?’ और ‘क्या ऐसा लगना नॉर्मल है?’। जब व्दबव.बवउ से मेरी बात हुई और मैंने जाना कि वे क्या करते हैं और उनकी सेवाएं कैसे कैंसर रोगियों और उनकी देखभाल करने वालों की इस चुनौती से उभरने में मदद कर रही हैं, मैं उनसे जुड़ सकी और मुझे लगा कि यह भागीदारी के लिये सही ब्राण्ड है। इस तरह से मैं कैंसर कम्युनिटी को ओएनसीओ डाॅट काॅम के बारे में बताकर उन्हें कुछ लौटा भी सकी।’’
ओएनसीओ डाॅट काॅम और संजना को विश्वास है कि साथ मिलकर वे देशभर में कैंसर और उसकी नियमित निगरानी के प्रति जागरूकता को बेहतर कर सकेंगे, ताकि इस रोग का जल्दी पता लगाया जा सके और सही निदान हो सके।
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