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यूपीसीडा द्वारा अब तक निवेश मित्र प्लेटफॉर्म के माध्यम से 2,500 से अधिक उद्यमियों को ऑनलाइन भूमि आवंटन: सतीश महाना

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना ने बताया कि नई तकनीक और पारदर्शिता के लिए यूपीसीडा ने औद्योगिक क्षेत्रों के लिए ई-नीलामी का एक ढांचा विकसित किया है। इसके तहत यूपीसीडा द्वारा अब तक निवेश मित्र प्लेटफॉर्म के माध्यम से 2,500 से अधिक उद्यमियों को ऑनलाइन भूमि आवंटन और भवन योजना की मंजूरी प्रदान की गई है।
श्री महाना ने बताया कि यूपी में पहली बार औद्योगिक भूखंडों की ई-नीलामी की जा रही है और इससे औद्योगिक भूखंडों के आवंटन की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 19 भूखंडों के लिए ई-नीलामी आवंटन की प्रक्रिया चल रही है और प्राधिकरण के पास हर महीने विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों के लिए इसी तरह की नीलामी को अंजाम देने की योजना है। यूपीसीडा ने 154 औद्योगिक क्षेत्रों को एकीकृत करके अपनी राष्ट्रीय उपस्थिति दर्ज कराते हुए औद्योगिक सूचना प्रणाली (आईआईएस) में इसे शामिल कराया है। उन्होंने बताया कि वाणिज्य मंत्रालय द्वारा तैयार कराया गया आईआईएस देश भर में सभी औद्योगिक भूमि का एक केंद्रीकृत ऑनलाइन डेटाबेस भंडार है। इसका मुख्य उद्देश्य त्वरित आर्थिक विकास को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
औद्योगिक विकास मंत्री ने बताया कि इन सुधारों का उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण का केंद्र बनाना और स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन करना है। यूपीएसआईडीए यूपी में पहला औद्योगिक विकास प्राधिकरण है जिसे भारत सरकार के इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पहल में सूचीबद्ध किया है। भारत की भौगोलिक सूचना प्रणाली अपने फोकस क्षेत्रों के साथ-साथ राज्य भर में औद्योगिक पार्कों/ क्लस्टर्सशीट का विवरण प्रदान करती है। सामान्य सुविधाओं के केंद्रों, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, संपर्क मार्ग/राष्ट्रीय राजमार्ग, हवाई अड्डे, बंदरगाहों और रेलवे स्टेशनों की उपलब्धता को भी दर्शाती है। इसके अलावा भूमि की बिक्री/पट्टे की कीमत, पर्यावरण मंजूरी, प्रत्येक पार्क में भूखंडों की कुल संख्या, भूखंड का औसत आकार, आवंटियों के लिए उपलब्ध भूखंडों की संख्या, कब्जे वाले भूखंडों की संख्या, शुद्ध उपलब्ध भूमि, औद्योगिक क्षेत्र, पुलिस स्टेशन का विवरण भी प्रदर्शित करता है। साथ ही बैंक, फायर स्टेशन, अस्पताल, बिजली, पानी आदि की जानकारी भी इस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है।
श्री महाना ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में औद्योगिक इकाइयों को फिर से शुरू करने और नए उद्योगों की स्थापना के लिए निवेश आकर्षण के दृष्टिकोण के साथ उद्यमों को विभिन्न मंजूरी जारी करने में ह्यूमन इंटरफेस को कम करके कंप्यूट्रीकृत प्रणाली को अपनाए जाने विशेष बल दिया गया है। राज्य में आवश्यक आर्थिक पुनरुद्धार और रोजगार सृजन के लिए जीआईएस टैगिंग ने पोर्टल पर न्च्ैप्क्। के सभी औद्योगिक क्षेत्रों के सचित्र विवरण की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।
श्री अनिल गर्ग, एमडी यूपीएसआईडीए ने जीआईएस की प्रमुख मुख्य विशेषताएं और लाभ के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उपलब्ध बुनियादी ढांचे के साथ यूपीएसआईडीए की संपूर्ण भूमि को जीआईएस प्लेटफॉर्म पर मैप किया गया है। आवंटी/निवेशक जीआईएस पोर्टल पर आसानी से भूमि का पता लगा सकते हैं। उन्होंने बताया कि इसके तहत प्रदूषण श्रेणी के संदर्भ में भूखंडों की स्क्रीनिंग, निवेशक क्वेरी के समाधान की भी प्रावधान है।
श्री गर्ग ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश में औद्योगिक संरचना के विकास के लिए यूपीएसआईडीए एक नोडल एजेंसी है, जो राज्य में औद्योगिक प्रचार की अगुवाई कर रही है। उत्तर प्रदेश में अपना औद्योगिक आधार स्थापित करने के इच्छुक उद्यमियों को उच्च श्रेणी की सेवाएं प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की है। निवेशक ळप्ै मेनू पर क्लिक करके न्च्ैप्क्। लैंड बैंक ूमइेपजम (ीजजचरूध्ध्ूूू.वदसपदमनचेपकबण्बवउध्) देख सकते हैं। भारत सरकार, क्प्च्च्ज् वेबसाइट बहुत जल्द विभिन्न राज्यों की प्प्ै आधारित सूचनाओं को लॉन्च करने जा रही है।

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