देहरादून: कोविड 19 महामारी को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड सरकार प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के अधिक अवसर जुटाने पर फोकस कर रही है। महामारी के दौरान सरकार की स्कीमों का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रदेश के पर्यटन विभाग ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना और होमस्टे योजना के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी शुरू की है।
सचिव पर्यटन श्री दिलीप जावलकर ने कहा कि आॅनलाइन आवेदन करने की व्यवस्था लागू होने से पारदर्शिता बढ़ेगी और समय की बचत होगी साथ ही प्रभावी रूप से योजना की माॅनिटरिंग की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि इन दोनों स्वरोजगर योजनाओं के रजिस्टेªशन अब आॅनलाईन किए जाएंगे। जो भी उत्तराखण्डवासी इस योजना का लाभ लेना चाहते है वे दिये गये लिंक (http://vcsgscheme.uk.gov.in) पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन आॅनलाईन कर सकते हैं। ऐसा होने पर दोनों योजनाओं के अभ्यर्थियों के आवेदन पत्रों की रियल टाइम मॉनिटरिंग की जा सकेगी।
राज्य सरकार ने राज्य के बेरोजगारों को वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत प्रदेश के मार्गों पर संचालन हेतु बसध्इलैक्ट्रिक बसों को खरीदकर अपना रोजगार शुरू करने का सुनहरा अवसर प्रदान करते हुए इस योजना के अंतर्गत बस खरीदने में 50 प्रतिशत अथवा 15 लाख तक सब्सिडी देने का निर्णय लिया है। बसें उत्तराखण्ड परिवहन निगम के निर्धारित रूटों एवं अन्तर नगरीय स्थानों के लिए ही संचालित की जा सकेंगी। इसके साथ ही यह भी अनिवार्य होगा कि जिन स्थानों पर बसों को चलाया जायेगा, उनमें से यात्रा प्रारंभ करने या जाने वाला स्टेशन उत्तराखण्ड में हो। बसों की बाॅडी के दोनों ओर उत्तराखण्ड राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए श्लोगन या पर्यटन विभाग का लोगो रखना अनिवार्य होगा।
श्री जावलकर ने कहा कि इससे यात्रा मार्ग पर पर्यटकों को आवागमन हेतु सुविधा मिलेगी तथा बेहतर ट्रांसपोर्ट मुहैया हो सकेगा। साथ ही इस नवाचार से स्थानीय युवा भी अधिकतम सरकारी सहायता प्राप्त करके स्वरोजगार से जुड़ सकेंगे।
वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना के अंतर्गत बसों के अतिरिक्त अन्य वाहनों की खरीद की दशा में 25 प्रतिशत सब्सिडी पूर्ववत बनी रहेगी। विदित है कि इस योजना के अंतर्गत गैर वाहन मद में आवेदकों को पर्वतीय/मैदानी क्षेत्रों में 33 प्रतिशत/25 प्रतिशत या अधिकतम पंद्रह/दस लाख तक की सब्सिडी दी जाती है जबकि होमस्टे योजना के अंतर्गत पर्वतीय तथा मैदानी क्षेत्रों में 33 प्रतिशत/25 प्रतिशत अथवा अधिकतम दस लाख/साढ़े सात लाख रुपए तक की सब्सिडी देने का प्रावधान है।