लखनऊ: उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि स्वस्थ बच्चे ही सक्षम नागरिक बनकर देश एवं प्रदेश के विकास में सक्रिय योगदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा देश तभी सशक्त बनेगा जब सभी लोग स्वस्थ होंगे। स्वस्थ रहने की पहली शर्त स्वच्छता है। बच्चों का सर्वांगीण विकास उत्तर प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। बच्चे स्वस्थ रहें, इसके लिए आवश्यक है कि गर्भावस्था के समय से ही गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य एवं पोषण का ध्यान रखा जाए तथा बच्चांे में समय से कुपोषण की पहचान कर उसके निराकरण के प्रभावी उपाय किए जाएं। उन्होंने कहा कि कुपोषण से मुक्ति के लिए समाज के सभी लोगों को सहभागी बनना होगा, तभी हम स्वस्थ भारत एवं समर्थ भारत की संकल्पना को साकार कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने यह विचार आज यहां अपने सरकारी आवास पर राष्ट्रीय पोषण माह के शुभारम्भ अवसर पर व्यक्त किए। इस मौके पर आयोजित बाल सुपोषण उत्सव को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस अभियान की सफलता का मुख्य आधार जनसहभागिता है, जिसको बढ़ाने के लिए घर-घर तथा गांव-गांव यह अभियान पहुंचाना है, जिससे स्वच्छता, स्वास्थ्य एवं पोषण के प्रति जनसमुदाय में जागरूकता बढ़े। स्वास्थ्य, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग, पंचायतीराज, ग्राम्य विकास विभाग, खाद्य एवं रसद विभाग तथा शिक्षा विभाग द्वारा समन्वित रूप से बच्चों एवं महिलाओं को एक स्थान पर मेले के रूप में पोषण एवं स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अन्तर्विभागीय समन्वय और जनजागरूकता से ही कुपोषण की जंग को जीता जा सकता है। जब हम टीम वर्क से काम करते हैं तो चुनौतियों से लड़ने का बल भी मिलता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश से कुपोषण को समाप्त करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने विगत वर्ष ‘पोषण अभियान’ का शुभारम्भ किया था। उन्होंने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छता भी एक आवश्यक तत्व है। जापानी इंसेफेलाइटिस बीमारी का मुख्य कारण गंदगी है। राज्य सरकार द्वारा स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने से संचारी रोगों में काफी कमी आयी है।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने लगभग 30 कुपोषित बच्चों को सामूहिक रूप से पौष्टिक भोजन कराया। 04 गर्भवती महिलाओं की गोदभराई तथा 6-7 माह आयु के 04 बच्चों का अन्नप्राशन संस्कार भी सम्पन्न कराया गया है। किशोरी बालिकाओं के लिए संचालित योजना की 04 लाभार्थी बालिकाओं को नैफेड के माध्यम से पोषण पोटली (आपूर्तित काला चना, दाल, मोटा अनाज एवं पराग देशी घी) का वितरण किया।
मुख्यमंत्री जी ने 04 पुस्तिकाओं का विमोचन भी किया। इनमें ‘सुपोषण स्वास्थ्य मेले का मूल्यांकन यूनीसेफ एवं बी0एम0जी0एफ0टी0एस0यू0 द्वारा’, ‘पोषण अभियान का उत्तर प्रदेश मंे एक वर्ष का सफर’, ‘ऊपरी आहार ;ब्वउचसमउमदजंतल थ्ममकपदहद्ध का महत्व’ तथा ‘बालिका सुरक्षा जागरूकता अभियान की रिपोर्ट’ शामिल हैं। उन्होंने पीरामल फाउण्डेशन के सहयोग से विकसित ‘यथार्थ एप’ को भी लाँच किया। इसके माध्यम से विभागीय अधिकारियों द्वारा क्षेत्र में किये जा रहे भ्रमण का आॅनलाइन सत्यापन सम्भव हो सकेगा।
महिला कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाती सिंह ने कहा कि किसी भी देश को सुदृढ़ बनाने में स्वास्थ्य का विशेष महत्व है। स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सुपोषण का विशेष महत्व है।
मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी की प्रेरणा से राष्ट्रीय पोषण माह को विशेष गति मिली है। उन्होंने कहा कि कुपोषण की समस्या का मुख्य कारण गरीबी व अज्ञानता है। लोगों को जागरूक करके कुपोषण दूर किया जा सकता है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश में आज से प्रारम्भ किया जा रहा राष्ट्रीय पोषण माह बाल स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय पोषण माह 01 से 30 सितम्बर, 2019 तक संचालित किया जाएगा। भारत सरकार द्वारा इस वर्ष पोषण माह के लिए 05 थीम निर्धारित की गई हैं। इनमें ‘जीवन के प्रथम 1000 दिन (गर्भावस्था के 280 $ पहले दो वर्ष के 730 दिन)’, ‘ऊपरी पूरक आहार’, ‘एनीमिया की रोकथाम’, ‘दस्त प्रबन्धन’ व ‘साफ-सफाई व स्वच्छता पर कार्य करने का संदेश’ सम्मिलित है। राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत वर्ष 2022 तक कुपोषण मुक्त भारत का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
राज्य सरकार इस मिशन की सफलता के लिए कटिबद्ध है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा पोषण अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत, कुपोषण से निपटने के लिए समुदाय आधारित गतिविधियों को लागू किया जा रहा है। पोषण माह के तहत प्रथम सप्ताह को पुरुष भागीदारी सप्ताह, द्वितीय सप्ताह को किशोरी सप्ताह, तृतीय सप्ताह को बाल सप्ताह तथा चतुर्थ सप्ताह को माता सप्ताह के रूप में मनाया जाएगा।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव बाल विकास श्रीमती मोनिका एस0 गर्ग, सूचना निदेशक श्री शिशिर, यूनीसेफ, बी0एम0जी0एफ0, टी0एस0यू0, पीरामल तथा टाटा ट्रस्ट के प्रतिनिधिगण सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।